बजट सत्र में मिली कोड ऑफ वेजेज बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोड ऑफ वेजेज बिल को मंजूरी दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के इस अहम फैसले के बारे में जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने कोड ऑफ वेजेज बिल के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। 

मोदी सरकार इस बिल को इसी सत्र में पेश कर सकती है। सरकार की योजना 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सरल कर उनकी जगह सिर्फ चार कानून बनाने की है, जिसमें वेतन संहिता अधिनियम पहला कानून होगा।

सूत्रों के मुताबिक, वेतन संहिता में न्यूनतम वेतन और समय पर वेतन भुगतान के लिए सेक्टर और वेतन की अधिकतम सीमा की शर्तों को समाप्त कर दिया गया। अब हर सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी, चाहे उनका वेतन कितना ही क्यों न हो, इस संहिता के दायरे में आएंगे।

यह विधेयक को 10 अगस्त, 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद 21 अगस्त, 2017 को यह बिल संसद की स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था। कमेटी ने 18 दिसंबर 2018 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।

16वीं लोकसभा के भंग होने के कारण यह विधेयक पास नहीं हो पाया था। यह विधेयक मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, न्यूनतम मजदूरी कानून 1948, बोनस भुगतान कानून 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 की जगह लेगा।

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