एनसीआर समेत देश के उत्तरी राज्यों में मानसून सक्रिय होने से बारिश के आसार बने रहेंगे. मौसम पूर्वानुमानकर्ता स्काइमेट की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 3-4 दिनों तक रुक-रुक कर हल्की बारिश हो सकती है. कहीं-कहीं मध्यम बारिश भी होगी. स्काइमेट के अनुसार, अगर मौसम का रुझान ऐसा ही बना रहा तो, उत्तर-पश्चिम भारत में 16-17 जुलाई तक बारिश जारी रहेगी.
दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, अंबाला, पटियाला, अमृतसर, गंगानगर और जयपुर सहित कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है. इन इलाकों में तेज मानसूनी भी हो सकती है.
स्काइमेट ने कहा कि राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के भागों में बीते कुछ वर्षों से मानसून का प्रदर्शन कमजोर होता जा रहा है. जलवायु विशेषज्ञ इस जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि इस बार राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के राज्यों में मानसून समय से पहले आया.
दिल्ली और आसपास के भागों में 27 जून के आगमन के साथ इसका प्रदर्शन भी अच्छा रहा. लेकिन कुछ ही समय में मॉनसून कमजोर हो गया जिससे गर्मी और उमस बढ़ गई. कई दिनों के शुष्क, गर्म और उमसभरे मौसम के बाद अब मानसूनी बारिश का इंतजार खत्म होता दिखाई दे रहा है.
इस समय मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के करीब से होकर गुजर रही है. इन इलाकों में बंगाल की खाड़ी से आद्र्र पूर्वी हवाएं भी पहुंच रही हैं, जिससे बादल छाए हुए हैं. अब तक मानसून का प्रदर्शन देखें तो उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को मानसून ने निराश किया है.
इन भागों में एक जून से 12 जुलाई तक सामान्य से 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है. यानी जहां 141 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए वहा अब तक 124.6 मिलीमीटर बारिश ही हुई है.मध्य भारत के मौसम की बात करें तो मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश जारी रहेगी.
राज्य के पश्चिमी जिलों में बारिश की तीव्रता बढ़ेगी, जिस कारण इन स्थानों पर बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है. इसी तरह, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, गुजरात, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानो पर भारी वर्षा की संभावना है.
दक्षिण में, तटीय कर्नाटक से केरल तक बनी ट्रफ रेखा सक्रिय है. इसके कारण कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है. मुंबई में बारिश में कमी जारी रहेगी. हालांकि हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है.
तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना है, जबकि आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और उत्तरी तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों में हल्की बारिश के ही आसार हैं.पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत का रुख करें तो, उत्तरी ओडिशा के पास बने चक्रवाती सिस्टम के कारण झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है.
जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल में हल्की बारिश से ही संतोष करना पड़ सकता है. उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में भी फिलहाल हल्की बौछारें गिरने की ही संभावना है.
मानसून की अक्षीय रेखा पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है. इस सिस्टम के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना है. जबकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की उम्मीद है.