मथुरा में शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए ने कहा कि उनका दलितों के प्रति प्रेम झूठा है.उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ नेताओं का भोजन करना विशुद्ध रुप से राजनैतिक कृत्य है.द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य ने कहा कि बिना पूर्व सूचना के वो क्यों नहीं उनके साथ भोजन करते हैं. राजनैतिक फायदे के लिए दलितों के साथ उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान करने की एक नई परंपरा स्थापित की गई है.
नदियों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाति, धर्म या वर्ण के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है.वहीं, बिसहडा मामले में रिपोर्ट सामने आने के बाद की स्थिति पर स्वरुपानंद ने कहा कि बेशक, जिन लोगों ने कानून हाथ में लिया, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. उन्होंने बेहद तीखे शब्दों में कहा, ‘जब कोई ब्राह्मण मरता है तो सरकार को सहिष्णुता नहीं दिखाती. लेकिन जब कोई अल्पसंख्यक मरता है तो चिल्लाने लगते हैं.
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं पूरी करती. जब गौहत्या पर प्रतिबंध है तो फिर कोई ऐसा क्यों करता है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘अभी भी आए दिन उत्तर प्रदेश व हरियाणा के एक बडे हिस्से से असम व पश्चिम बंगाल को निरंतर गायों की तस्करी की जा रही है. उनका खुलेआम वध किया जा रहा है.