उत्तर प्रदेश में साल 2022 के शुरुआती महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर सत्ताधारी बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. बूथ स्तर तक संगठन की संरचना तैयार कर ली गई है. योगी सरकार का कैबिनेट विस्तार भी हो चुका है. बीजेपी 2022 में फिर से सत्ता हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है.
यही वजह है कि संगठन दो चरणों में प्रचार-प्रसार का अभियान चलाएगी. सौ दिन के सौ काम नाम के अभियान की रूपरेखा भी बना ली है. इस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए योजना केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है. भारतीय जनता पार्टी ने संगठन की कमान प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को थमाई गई है.
वहीं रणनीति के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है. उनके साथ केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर भी सहप्रभारी के रूप में चुनाव प्रबंधन देख रहे हैं. इसके अलावा छह सह प्रभारियों को क्षेत्रीय चुनाव प्रभारी बनाया गया है. हाल ही में इन सभी ने चुनाव अभियान की रूपरेखा भी तैयार कर ली है.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव अभियान दो चरणों में चलेगा. पहला चरण चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक चलेगा. इसके लिए एक अक्टूबर से 10 जनवरी, 2022 तक का समय प्रस्तावित है. इस चरण को सौ दिन के सौ काम नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम की रूपरेखा बना ली गई है, जिसे अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है.
जानकारी के मुताबिक, इन सौ दिनों में समाज के हर वर्ग से जनसंपर्क पर फोकस रहेगा.इसी दौरान योगी मंत्रिमंडल में शामिल हुए सातों नए मंत्री भी अपने-अपने जाति-वर्ग और क्षेत्र में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का संदेश पहुंचाने का प्रयास करेंगे. इस अभियान के खत्म होते ही जनवरी से चुनावी जनसभाएं शुरू होंगी.
इस अभियान के अलावा पार्टी का खास फोकस उन सीटों पर है, जहां भाजपा को हार मिली थी. ऐसे में करीब 80 विधानसभा क्षेत्रों में समीकरण बदलने की जिम्मेदारी खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ली है.
इन क्षेत्रों में जीत का माहौल बनाने के लिए पार्टी जी तोड़ मेहनत कर रही है. ताकि एक बार फिर पार्टी मजबूती के साथ मैदान में उतर सके. यही वजह है कि बीते कई दिनों से सीएम योगी और प्रदेश अध्यक्ष ऐसे क्षेत्रों में लगातार कार्यक्रम और जनसभाएं कर रहे हैं.