भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार (17 मार्च) को कहा कि उनकी पार्टी की सरकार राज्य को बीमारू के ठप्पे से मुक्ति दिलाएगी और अब भारतीय राजनीति में विकास ही आगे का रास्ता है. उन्होंने यहां कहा कि भाजपा की सरकार उत्तर प्रदेश से बीमारू का ठप्पा हटाएगी और देश के सबसे बड़े राज्य की नौकरशाही में जातिगत पूर्वाग्रह को खत्म करेगी.
शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर शनिवार (18 मार्च) को फैसला कर लिया जाएगा. पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल करने के बाद भाजपा अब गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने वाली है.
शाह ने कहा हम इन राज्यों में होने वाले चुनावों की तैयारी कर रहे हैं.अभी देश के 58 फीसदी क्षेत्रफल में भाजपा की राज्य सरकारें हैं. केंद्र में हमारी सरकार होने के अलावा हमारे गठबंधन सहयोगियों को मिलाकर देश के 65 फीसदी क्षेत्रफल पर हमारी सरकारें हैं.’ शाह ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सलाह देने का काम ‘कभी स्वीकार नहीं करेंगे.’
भाजपा अध्यक्ष से जब पूछा गया कि हाल के चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद यदि उनसे राहुल गांधी को सलाह देने को कहा जाए तो वह क्या करेंगे, इस पर शाह ने कहा मैं यह काम कभी स्वीकार नहीं करूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिंता करने की तब तक कोई जरूरत नहीं है जब तक कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं, इस पर शाह ने कहा हम अपने प्रतिद्वंद्वियों की कमजोर पर निर्भर नहीं रहते.
शाह ने गोवा और मणिपुर में भाजपा की सरकार बनाने जाने को भी सही ठहराया. दोनों राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी और भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी थी. गोवा और मणिपुर में पिछले दरवाजे से सत्ता में दाखिल होने के आरोप खारिज करते हुए शाह ने कहा कि भगवा संगठन को इन राज्यों में सबसे ज्यादा वोट मिले जबकि कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला.