भाजपा ने उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया है.भाजपा अपने एक वरिष्ठ नेता की मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर बुधवार को संपूर्ण विपक्ष के निशाने पर आ गई. मामले ने इस कदर तूल पकड़ा कि अरुण जेटली के पार्टी की ओर से इसके लिए खेद जताने और आरोपी नेता को पार्टी के सभी पदों से मुक्त किए जाने के बाद भी हो हल्ला नहीं थमा और राज्यसभा की कार्रवाई दिनभर प्रभावित रही.
देर रात उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.इससे पहले उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांशीराम के सपने को चूर-चूर कर रही हैं. मायावती की तरह टिकट बेच रही हैं. मायावती एक करोड़ में टिकट बेचती हैं और अगर किसी ने दो करोड़ दे दिए तो एक घंटे के अंदर वह इसे दो करोड़ में बेच देती हैं.
अगर शाम तक किसी ने तीन करोड़ रुपए दे दिए तो वह उसी को टिकट दे देती हैं.’ उन्होंने सारी हदें पार करते हुए यह तक कह डाला कि वह..से भी बदतर हैं. हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद दयाशंकर सिंह ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली. उन्होंने दावा किया कि उनकी जुबान फिसल गई और वह मायावती का सम्मान करते हैं.
दयाशंकर सिंह के बयान की चौतरफा निंदा हुई. निंदा करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, द्रमुक की कनिमोझी, कांग्रेस की कुमारी शैलजा और रेणुका चौधरी, माकपा के टीके रंगराजन और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हैं.उधर, इस टिप्पणी से सदन में मौजूद मायावती काफी क्षुब्ध दिखीं और कहा कि ‘उनकी टिप्पणी अपनी बहन .. बेटी के लिए है न कि मेरे लिए. पूरा देश भाजपा को माफ नहीं करेगा.