असम में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल और गण सुरक्षा पार्टी से मिलाया हाथ

असम के बोडो बहुल Bodoland Territorial Council चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. किंग मेकर के रूप में उभरी बीजेपी ने BTC में जरूरी बहुमत हासिल करने के लिए वर्तमान सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को छोड़कर रविवार को नए सहयोगी दलों यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल और गण सुरक्षा पार्टी से हाथ मिला लिया है.

बता दें कि 40 सदस्यीय Bodoland Territorial Council के लिए रविवार को घोषित हुए चुनावी नतीजे में BPF को 17, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल को 12 और बीजेपी को 9 सीटें हासिल हुई. जबकि कांग्रेस और निर्दलीय को एक-एक सीट प्राप्त हुई.  BTC चेयरमैन का पद जीतने के लिए 21 सदस्यों का जादुई आंकड़ा पाना जरूरी होता है.

ऐसे में बीजेपी किंग मेकर की भूमिका में है.असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि अगले BTC का संयुक्त रूप से गठन करने के लिए बीजेपी ने UPPL और GSP के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है. तीनों दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद सोनोवाल ने कहा कि 40 सदस्यीय नई परिषद की अध्यक्षता UPPL के प्रमुख प्रमोद बोडो करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस जीत पर UPPLऔर प्रदेश भाजपा इकाई को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पूर्वोत्तर के लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है. मोदी ने ट्वीट कर कहा राजग पूर्वोत्तर के लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है.

असम बीटीसी चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए मैं असम भाजपा और सहयोगी यूपीपीएल को बधाई देता हूं और कामना करता हूं कि वे लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करें. राजग पर विश्वास जताने के लिए मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपीपीएल को 12 सीटें जीतने के लिए बधाई दी. केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘राजग ने असम बीटीसी चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. हमारे सहयोगी यूपीपीएल, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिस्व सरमा, रंजीत दास और भाजपा की असम इकाई को बधाई.

मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित पूर्वोत्तर के संकल्प पर भरोसा करने के लिए असम के लोगों को धन्यवाद देता हूं.चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद बीजेपी, UPPLऔर GSP के नव-निर्वाचित सदस्य परिषद के गठन में अपना दावा पेश करने के लिए राजभवन गए.

प्रमोद बोडो के नेतृत्व में गए इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के उत्तर पूर्व के संयोजक और असम के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी साथ में थे. राज्यपाल फिलहाल चेन्नई में हैं. ऐसे में प्रतिनिधिमंडल का दावा पत्र उनकी आयुक्त और सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने प्राप्त किया.

हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि नई परिषद 15 दिसंबर तक पद ग्रहण कर लेगी. BPF के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन के लोगों ने बदलाव के लिए जनादेश दिया है.

ऐसे में वे उनकी इच्छा के खिलाफ नहीं जा सकते. सरमा ने कहा कि राज्य सरकार में BPF की भागीदारी बनी रहेगी. असम सरकार में BPF के तीन मंत्री हैं. बता दें कि बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन में असम के चार जिले कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी शामिल हैं.

इस क्षेत्र में स्वशासन के लिए गठित होने वाली  BTC में 40 निर्वाचित सदस्य होते हैं. इसके अलावा असम के राज्यपाल भी अपनी ओर से 6 सदस्यों को मनोनीत करते हैं. मजे की बात ये है कि  BTC चुनावों में 17 सीटें हासिल करने वाले BPF ने नतीजे सामने आने के बाद बीजेपी से समर्थन की अपील की थी.

BPF प्रमुख हगरामा मोहिलरी ने कोकराझार में एक संवाददाता सम्मेलन करके कहा, ‘चूंकि हम दिसपुर में राज्य सरकार का हिस्सा हैं, इसलिए मैं भाजपा से बीपीएफ को बीटीसी में सरकार बनाने में मदद करने की अपील करता हूं.

हमने भाजपा (BJP) के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा है और उसे गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए.’ लेकिन बीजेपी ने BPF पर अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया. सरमा ने कहा कि यह जीत असम और पूर्वोत्तर को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है.

असम में  BTC चुनावों की अहमियत इसलिए भी है कि इस क्षेत्र की कुल 14 विधानसभा सीटों पर फिलहाल BPF का कब्जा है. जिस पर बीजेपी अपना कमल खिलाना चाहती है. BPF ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से हाथ मिलाया था और उसके तीन विधायक प्रमिला रानी ब्रह्मा, चंदन ब्रह्मा और रिहोन डेमरी फिलहाल सोनोवाल मंत्रिमंडल में मंत्री हैं.

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