त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब ने मुख्यमंत्री और जिष्णु देव वर्मा ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। समारोह में नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत कई बीजेपी नेता शामिल हुए। निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक सरकार को भी आमंत्रित किया गया। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी काे बहुमत मिला और उसने 25 साल पुरानी लेफ्ट सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था।
बीजेपी को 35 और उसकी सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को 8 सीटें मिली थीं। मोदी ने कहा कि ये उनकी भी सरकार है जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया। ये सरकार लोगों के विकास के लिए काम करेगी।मोदी ने कहा हिंदुस्तान की राजनीति में कुछ चुनाव ऐसे है, जिनकी चर्चा लंबे वक्त तक होती रहती है। ये चुनाव राजनीति के पहलू को उजागर करते हैं।
त्रिपुरा के चुनावों की इतिहास में चर्चा होती रहेगी। लोग उसमें से कुछ न कुछ निकालते रहेंगे।ये सब आपके सहयोग के बिना संभव नहीं था। आप सभी को इस उत्तम काम के लिए धन्यवाद। मैं त्रिपुरा के लोगों का विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जिन्होंने हमें वोट दिया है और जिन्होंने नहीं दिया, सरकार दोनों लोगों के लिए है। यहां का विकास हमारा सामूहिक दायित्व है, जिसे पूरा करने का हम पूरा प्रयास करेंगे।
चुनकर आए सभी विधायकों को शुभकामनाएं देता हूं। विपक्ष के विधायकों से कहूंगा कि उनके पास अनुभव है। हमारी टीम नई है। वे उम्र में भी छोटे हैं। सत्ता में आए लोगों के पास ऊर्जा है। त्रिपुरा को आगे ले जाने की ताकत है।नॉर्थ ईस्ट के चुनावों की पूरे देश में चर्चा हुई। आखिर क्या कारण है कि चुनावों की पूरे देश में गूंज होने लगी। इस चुनाव के बाद देश के हर नागरिक का नॉर्थ ईस्ट से जुड़ाव हुआ।
हम लोगों को देश में जहां-जहां सरकार बनाने का मौका मिला, हमने वहां विकास पर ही बल दिया। भागीदारी से ही जनतंत्र के मंत्र से ही हम चलते आए हैं।मैं त्रिपुरा के लोगों से आग्रह करूंगा कि एक-एक समस्या का समाधान करते हुए राज्य को नई ऊंचाई पर ले जाएंमैं त्रिपुरा की जनता को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि विकास की यात्रा में बीजेपी की सरकार को जो मौका दिया है, हम कोऑपरेटिव फेडरिज्म से ही सरकार चलाएंगे।
सरकार किसी दल की नहीं होती, सरकार जनता की होती है।48 साल के बिप्लब कुमार देब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका जन्म उदयपुर में हुआ। वे पश्चिम त्रिपुरा की बनमालीपुर सीट विधायक चुने गए।त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से 1999 में ग्रेजुएट किया। समाजसेवा के काम करते रहे हैं। साफ-सुथरी छवि। कोई भी क्रिमिनल केस दर्ज नहीं है। हलफनामे में अपनी कुल प्रॉपर्टी 5.85 करोड़ बताई।
संघ से जुड़े रहे हैं। संगठन में रहकर काम किया है। बीजेपी के थिंक टैंक रहे केएन गोविंदाचार्य के साथ काम कर चुके हैं।बीजेपी पिछले 35 साल से राज्य में चुनाव लड़ रही है। लेकिन कभी भी अपना जनाधार नहीं बना पाई।पार्टी 2013 के चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। अब उसे 35 सीट मिली हैं।बिप्लब ने त्रिपुरा में जमीनी स्तर पर काम किया।
चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि राज्य में लेफ्ट की सरकार 25 सालों से जनता का बेवकूफ बना रही है। यहां भरपूर नेचुरल रिसोर्स होने के बावजूद यह देश का सबसे गरीब राज्य है। उन्होंने वादा किया था कि बीजेपी अगर सत्ता में आई तो इसे मॉडल स्टेट बनाया जाएगा। बिप्लब अपनी यह बात जनता तक पहुंचाने में कामयाब रहे।
उनकी अगुआई में कई लेफ्ट समर्थक बीजेपी में आए। फरवरी के पहले हफ्ते में उन्होंने 1600 से ज्यादा लेफ्ट सपोर्टर्स के बीजेपी में आने का दावा किया था।जिष्णु राज्य बीजेपी के जनजाति मोर्चा के संयोजक हैं। हालांकि, वे अभी विधायक नहीं चुने गए हैं। उन्होंने चारिलाम सीट से पर्चा भरा था, लेकिन यहां लेफ्ट कैंडिडेट की मौत के बाद चुनाव रद्द कर दिए गए थे। इस सीट पर 15 मार्च को चुनाव होगा।
यहां शुरुआती रुझान में बीजेपी+ (यानी बीजेपी और इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) और लेफ्ट के बीच कांटे की टक्कर नजर आई। जिस त्रिपुरा में बीते 25 साल में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था, वहां उसने 51 सीटों पर सीपीएम को चुनौती दी थी। यहां पहली बार वह सबसे ज्यादा सीटें लेकर आई।