नीतीश कुमार अब बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। गुरुवार सुबह 10 बजे नीतीश छठी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। इनके अलावा बीजेपी के सीनियर लीडर सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। इससे पहले नीतीश के आज शाम 5 बजे शपथ लेने की बात थी। बुधवार देर रात नीतीश और मोदी ने गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
नए गठबंधन ने 132 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। रात 12 से डेढ़ बजे तक गवर्नर से मुलाकात के बाद नीतीश गवर्नर हाउस से निकले, लेकिन उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। इसके बाद देर रात करीब 2:20 बजे तेजस्वी यादव आरजेडी नेताओं के साथ पैदल मार्च कर गवर्नर हाउस पहुंचे और कहा सिर्फ नीतीश ने इस्तीफा दिया है, महागठबंधन तो टूटा ही नहीं है।
राज्य में बीजेपी और जेडीयू के नए गठबंधन के बाद अब ऐसी खबर है कि दोनों पार्टियों के कोटे से 14-14 मंत्री बनाए जा सकते हैं।देर रात गवर्नर हाउस से नीतीश और एनडीए के नेताओं के जाने के करीब 30 मिनट बाद तेजस्वी अपने विधायकों और मंत्रियों के साथ पैदल मार्च करते हुए वहां पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अपने छह मेंबर्स के रिप्रेजेंटेटिव ग्रुप के साथ गवर्नर से मिलने की इजाजत मांगी। इसके थोड़ी देर बाद वे अंदर गए।
करीब 2:50 बजे गवर्नर हाउस से बाहर निकलने के बाद RJD के स्पोक्सपर्सन मनोज झा ने बताया कि उन्होंने गवर्नर से ‘बोम्मई केस’ का हवाला देते हुए सारी बातें रखी हैं। सिंगल लारजेस्ट पार्टी होने के नाते हमें पहले मौका मिलना चाहिए था और गवर्नर से उन्होंने सुबह होने वाले शपथ ग्रहण को रोकने की मांग की।इसके बाद गवर्नर ने कहा कि सुबह तक वे जरूर कोई फैसला लेंगे। हालांकि, गवर्नर ने ये भी कहा कि शपथ ग्रहण का फैसला लिया जा चुका है, उसे नहीं बदला जा सकता।
तेजस्वी ने गवर्नर से मुलाकात के बाद कहा आखिर नीतीश किस मुंह से सीएम पद की शपथ लेंगे। अब वे अपने ऊपर लगे आरोपों का जनता को जवाब दें।तेजस्वी ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा किस मुंह से ये शपथ लेने का काम करेंगे, इनका मर्डर का केस चल रहा है। तेजस्वी एक बहाना था, इनको बीजेपी के साथ जाना था। भूल गए इसी मोदी ने नीतीश को डीएनए वाली बात कही थी, गाली दी थी। अब ये गोडसे के वशंज के साथ सरकार बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गवर्नर से हमने उनके फैसले के रिव्यू की मांग रखी है। शपथ ग्रहण रोकने की मांग की है। हमें बहुमत साबित करने का मौका देने की अनुरोध किया है। तेजस्वी के मुताबिक, जेडीयू के कुछ विधायक उनके साथ हैं जिन्हें सीएम हाउस में नीतीश ने कैद किया है। उन्होंने कहा कि अगर उनको (नीतीश) इतना भरोसा है तो चुनाव में क्यों नहीं जाते?
तेजस्वी ने कहा महागठबंधन तो टूटा ही नहीं है। कांग्रेस हमारे साथ है, माले के लोग आ गए हैं, जेडीयू के कुछ विधायक भी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें (तेजस्वी) मोहरा बनाकर बीजेपी ने अपनी राजनीति चमकाई है।इससे पहले गवर्नर हाउस पहुंचने के बाद तेजस्वी ने कहा कि सिंगल लारजेस्ट पार्टी होने के नाते पहले उन्हें बुलाया जाना चाहिए था। रात को मिलने और फिर सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र देने की इतनी जल्दी क्यों थी नीतीश को?
उन्होंने कहा कि वे यहां गवर्नर से मिलने पहुंचे हैं। अगर उन्होंने मिलने के लिए नहीं बुलाया तो फिर वे बाहर ही विधायकों के साथ उनका इंतजार करेंगे।इस दौरान RJD नेता और तेजस्वी के सपोटर्स उनके सपोर्ट में नारा लगाते रहे और ताली बजाकर प्रोटेस्ट करते रहे।बता दें कि तेजस्वी और तेजप्रताप के पैदल मार्च के ठीक पहले लालू यादव चारा घोटाला मामले में पेशी के लिए रांची के लिए निकल गए।
राजभवन में नीतीश के साथ मौजूद सुशील मोदी ने निकलने के बाद मीडिया को एड्रेस किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी, आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) और एलजेपी (लोकजनशक्ति पार्टी) को मिलाकर कुल 132 विधायकों का सपोर्ट हमारे साथ है।सुशील मोदी ने इस बारे में गवर्नर को समर्थन पत्र सौंपा। उन्होंने कहा जब गवर्नर विश्वास मत प्राप्त करने के लिए डेट देंगे, उस दिन हम विश्वास मत पेश कर देंगे।
राजभवन से निकलने के बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने भी मीडिया से बात की। राय ने कहा कि हमें सबसे बड़ी पार्टी होने का समर्थन प्राप्त है। इसी लिहाज से हमनें सरकार बनाने का दावा पेश किया।