बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रथम चरण में सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लिया है. इस दौरान गंगा नदी के दक्षिणी छोर के दीघा घाट, भद्र घाट, कंगन घाट एवं गांधी घाट का जायजा लिया गया.
सीएम नीतीश ने जेपी सेतु होते हुए सोनपुर, हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने दूसरे चरण में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण मोकामा तक राघोपुर, बख्तियारपुर, पंडारक बाढ़ से सटे इलाकों, समस्तीपुर के मोहद्दीनगर, बेगूसराय के बछवारा एवं अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.
हवाई सर्वेक्षण के पश्चात मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर 12 जिलों तथा बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना ,समस्तीपुर ,बेगूसराय, खगड़िया ,लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिले के जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और जैसी की सूचना है, अभी और बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए सभी जिलाधिकारी पूरी तरह एलर्ट मोड में हैं. सीएम ने अधिकारियों को कहा है कि बाढ़ प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखें और पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी की सहायता करें.
नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि जल संसाधन विभाग लगातार तटबंधों एवं नदियों के जल स्तर की निगरानी करते रहें. स्थानीय लोगों की सहायता व पशुओं के चारे की व्यवस्था को लेकर विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है.
विस्थापित लोगों को राहत शिविरों में SOP के अनुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है.यही नहीं सीएम नीतीश ने बाढ़ राहत शिविर में जन्म लेने वाली बच्ची को ₹15000 तथा बच्चे को ₹10000 की राशि देने की बात भी कही है.
बाढ़ के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जल निकासी के पश्चात तुरंत उसकी मरम्मत कराने के लिए कहा गया है. पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग को अपने अभियंताओं से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के पथों की स्थिति का प्रतिदिन अपडेट लेने के लिए कहा गया है.