बिकरू काण्ड मामले के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की कथित तौर पर मदद करने वाले छह और पुलिसकर्मियों को धारा 14(1) के तहत दंडित किया गया है।इनमें चार इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल हैं। उन सभी को अब धारा 14(1) के तहत न्यूनतम वेतनमान मिलेगा।
इससे पहले चौबेपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी और बिकरू के बीट प्रभारी केके शर्मा को इस धारा के तहत बर्खास्त कर दिया गया था।बता दें कि 3 जुलाई 2020 को जिले के बिकरू गांव में विकास दुबे के घर उनकी गिरफ्तारी के लिए गई पुलिस टीम पर दुबे और उनके साथियों ने हमला कर दिया था।
दुबे और उसके साथियों ने बिल्हौर के तत्कालीन सर्कल अधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।बाद में पुलिस ने एक के बाद एक मुठभेड़ में विकास दुबे और उसके पांच सहयोगियों समेत छह आरोपियों को मार गिराया था।चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी और बीट प्रभारी शर्मा समेत 50 से ज्यादा आरोपी जेल में हैं।
जांच से पता चला कि दुबे और उनके सहयोगियों की सहायता करने में कई अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे।इसके बाद आठ पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया। जांच में नाम सामने आने के बाद तिवारी और शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया था।रिपोर्ट के आधार पर एसआई अजहर इशरत, एसआई कुवर पाल सिंह, एसआई विश्वनाथ मिश्रा, एसआई अवनीश कुमार सिंह, कांस्टेबल अभिषेक कुमार और राजीव कुमार को न्यूनतम वेतनमान से दंडित किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अनुसार, न्यूनतम वेतनमान का मतलब है कि जो भी वेतन वृद्धि या पदोन्नति प्राप्त हुई है, वह शून्य और शून्य हो जाएगी।संबंधित पुलिसकर्मी को पहले वाले वेतनमान पर काम करना होगा। उन्होंने कहा, यह पुलिस विभाग में एक कड़ी कार्रवाई मानी जाती है।