अब नई दिल्ली बनेगी स्मार्ट सिटी

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राज्यों की ओर से प्रस्तावित शहरों की सूची को केंद्र ने मंजूरी दे दी। सपनों के एक सौ शहरों में से 98 के नामों की घोषणा भी गुरुवार को कर दी गई। इनमें नई दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दो अन्य शहर गाजियाबाद और फरीदाबाद को भी शामिल किया गया है। हालांकि योजना के पहले चरण में स्मार्ट की श्रेणी के शहरों की सूची में स्थान पाने वाले बीस शहरों के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी। केंद्र के मंजूर स्मार्ट शहरों की सूची में बिहार के तीन और उत्तर प्रदेश के 13 शहरों के नाम हैं, लेकिन गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सिर्फ 12 शहरों के नाम ही घोषित किए जा सके। 13वें स्थान के लिए मेरठ और रायबरेली में कड़ी प्रतिस्पर्धा है।

स्मार्ट सिटी की सूची में स्थान पाने के लिए शहरों को अपने राज्य में कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजरना पड़ा है। चयनित शहरों में सबसे अधिक हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश (13), तमिलनाडु (12), महाराष्ट्र (10), मध्य प्रदेश (सात), गुजरात व कर्नाटक (छह-छह), आंध्र प्रदेश व बिहार (तीन-तीन) की है। बिहार के भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ को इस सूची में स्थान मिला है। बाकी राज्यों के एक या दो शहरों के नाम सूची में शामिल किए गए हैं। घोषित सूची में आठ ऐसे छोटे शहरों को शामिल किया गया है, जिनमें पणजी, दिउ, सिलवासा, कवरत्ती, धर्मशाला, न्यू टाऊन कोलकाता, पसिघट (अरुणाचल), व नामची (सिक्किम) प्रमुख हैं।

हरियाणा के दो शहरों फरीदाबाद और करनाल को भी स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल किया गया है। पंजाब से अमृतसर, लुधियाना और जालंधर को इस सूची में स्थान मिला है। हिमाचल प्रदेश से एकमात्र धर्मशाला इस सूची में शामिल हुआ। जबकि झारखंड का प्रतिनिधित्व रांची करेगा। स्मार्ट सिटी की सूची में 35 शहरों की आबादी एक से पांच लाख के बीच है। 21 शहरों की आबादी पांच से 10 लाख है, जबकि 25 शहरों की आबादी 10 लाख से 25 लाख के बीच है। पांच ऐसे शहरों को भी सूची में स्थान मिला है, जिनकी आबादी 25 से 50 लाख के बीच है। कुल 64 शहर छोटे व मझोले स्तर के है, जबकि 34 मध्यम और बड़े शहर है।

चुने गए 98 शहरों में से 24 राज्यों की राजधानी है, अन्य 24 शहर व्यावसायिक और औद्योगिक केंद्र है। 18 शहर सांस्कृतिक व पर्यटन महत्व के शहर, पांच शहर बंदरगाहों वाले शहर है। तीन शहर शैक्षिक व स्वास्थ्य के क्षेत्र के प्रमुख शहर है। देश के नौ ऐसे राज्य है, जिनकी राजधानी वाले शहरों को नामित नहीं किया गया है। इनमें पटना, शिमला, ईटानगर, बेंगलुरु, दमन, तिरुअनंतपुरम, पुडुचेरी, गंगटोक व कोलकाता के नाम प्रमुख है। प्रत्येक राज्य को कम से कम एक स्मार्ट सिटी जरूर मिली है। स्मार्ट सिटी का टैग पाने के लिए, हर शहर का कई स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना बेहद जरूरी है।

इनमें सर्विस की सुविधाएं, मौजूदा बुनियादी ढांचा और शहर का ट्रैक रिकॉर्ड शामिल है। शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों से एक तय कोटे के तहत शहरों के नाम मांगे गए थे। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने शहरी विकास मंत्रालय को शहरों के नाम सौंप दिए है। जम्मू कश्मीर से एक शहर का नाम मांगा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने दो शहरों जम्मू और श्रीनगर का प्रस्ताव रखा है। 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार ने 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 

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