अदालत ने योगगुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में गैरजमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने रोहतक के एसपी को निर्देश दिया है कि स्वामी रामदेव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। कोर्ट ने कहा कि वे कई बार निर्देश के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं। इस मामले में रोहतक कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जब आज भी बाबा रामदेव कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई।
अदालत ने एसपी को निर्देश दिया कि वो योग गुरु को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करें।बता दें कि भड़काऊ भाषण देने को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने स्वामी रामदेव के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने बाबा रामदेव के खिलाफ कई बार वारंट जारी किया, मगर वो पेश नहीं हुए। पिछली तारीख को भी कोर्ट ने पेश होने का वारंट जारी किया था।
गौरतलब है कि जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा के बाद रोहतक में सद्भावना सम्मेलन हुआ था। इसमें भाग लेने स्वामी रामदेव भी पहुंचे थे। उनपर आरोप है कि उन्होंने सम्मेलन के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था। बत्रा ने आरोप लगाया कि सम्मेलन में अपने भाषण में स्वामी रामदेव ने कहा था कि अगर संविधान से उनके हाथ बंधे नहीं होते तो ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगाने वाले लाखों लोगों का वह सिर कलम कर देते।
रामदेव का यह बयान तब सामने आया था, जब हैदराबाद स्थित एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वह ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलेंगे। अगर उनकी गर्दन पर कोई चाकू रख दे, तब भी नहीं। महाराष्ट्र की रैली में दिए गए उनके इस बयान के कुछ ही दिन बाद महाराष्ट्र विधानसभा से ओवैसी की पार्टी के विधायक को इसीलिए निकाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने ‘भारत माता की जय’ नहीं बोला।