लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने भाषणबाजी बंद करो के नारे लगाए और हंगामा भी किया। इसके जवाब में वैंकेया नायडू ने कहा कि सुषमा के बहाने कांग्रेस जीएसटी बिल को रुकवाना चाहती है। कांग्रेस के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हैं। इस बीच आज दोपहर दो बजे ललित मोदी पर चर्चा के लिए सरकार तैयार हो गई है। इस मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा होगी। कांग्रेस द्वारा लोकसभा में हंगामा किए जाने पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि काग्रेस नहीं चाहती है कि जो वह सत्ता में वर्षों तक रहकर नहीं कर सकी वह भला हम कैसे करें। उनका कहना था कि इस बार कांग्रेस को महज 44 सीट मिली हैं अगली बार वह चार पर ही सिमट कर रह जाएगी।
कांग्रेस के सांसद आज भी हाथों में काली पट्टी बांधकर सदन में मौजूद हैं और सरकार के प्रति अपना विरोध जता रहे हैं। राज्यसभा में भी यही स्थिति रहने के बाद सदन की कार्यवाही को बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस और भाजपा ने यहां अपने सांसदों को मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस से अपील की कि वह सदन को चलाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने अहंकार के लिए सदन को चलने से कांग्रेस न रोके। जीएसटी बिल की उपयोगिता पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल देशहित में हैं। इस पर पहले भी इस बिल पर सिलेक्ट कमेटी में चर्चा हुई है और आज भी चर्चा होगी।
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब तो अन्य पार्टियां भी कांग्रेस का साथ छोड़ सदन को चलने देना चाहती हैं। मानसून सत्र में अब सिर्फ तीन दिन ही शेष रह गए हैं। ऐसे में सरकार कुछ जरूरी बिलों को दाेनों सदनों में पास करवाने की कोशिश में है। इसके तहत आज सरकार की ओर से राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश किया जाना है। कांग्रेस जहां आज ललितगेट के मुद्दे पर एक बार फिर से स्थगन प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा में देगी वहीं समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल जाति आधारित जनगणना को जारी करने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देगी।
कल भी कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया था। सदन में हो रहे शोर-शराबे के चलते सदन की कार्यवाही लगातार ही स्थगित हो रही है। इससे नाराज सपा, एनसीपी समेत कुछ अन्य पार्टियों ने कल लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर अपनी राय रखी थी। सपा ने साफ कर दिया था कि वह चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले, ऐसे में यदि कांग्रेस हंगामा करती है तो वह उसका साथ नहीं देंगे। अभी तक कांग्रेस के साथ रहे अन्य दलों ने अब अपनी रणनीति बदल ली है। इसके बाद कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है।