प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आयुष क्षेत्र में कई स्टार्टअप सफल साबित हुये हैं और इस क्षेत्र का बाजार बढ़कर एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का हो गया है। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि आज से छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाओं का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास था।
योग और आयुर्वेद के दुनिया भर में प्रचलित होने के कारण आज इसका बाजार बढ़कर एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये का हो गया है।उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में संभावनायें लगातार बढ़ रही हैं। स्टार्ट अप की दुनिया में आयुष अब आकर्षण का विषय बनता जा रहा है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा एक आयुष स्टार्ट अप है कपिवा।
इसके नाम में ही इसका मतलब छिपा है। इसमें क मतलब है- कफ, पि का मतलब है- पित्त और वा का मतलब है- वात। यह स्टार्ट अप हमारी परम्पराओं के मुताबिक संतुलित भोजन पद्धति पर आधारित है। एक और स्टार्टअप निरोग-स्ट्रीट भी है , जो एक अनूठी परिकल्पना है। इसका प्रौद्योगिकी आधारित मंच दुनिया-भर के आयुर्वेद चिकित्सकों को सीधे लोगों से जोड़ता है।
इससे 50 हजार से अधिक डॉक्टर जुड़े हुये हैं।उन्होंने अन्य स्टार्ट अप का जिक्र करते हुये कहा प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अभी कुछ स्टार्टअप का ही नाम लिया है लेकिन यह सूची बहुत लंबी है। यह देश के युवा उद्यमियों और देश में उपलब्ध अपार संभावनाओं की प्रतीक हैं।
उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी स्टार्ट अप से आग्रह किया कि वे जो भी पोर्टल बनाते हैं और जो भी सामग्री निर्मित करते हैं, उसे संयुक्त राष्ट्र की मान्यता प्राप्त भाषाओं में भी बनाने का प्रयास करें।
इससे अंग्रेजी भाषा से इतर भाषा बोलने वाले क्षेत्रों में भी उनकी पहुंच हो पायेगी।प्रधानमंत्री ने कहा हम सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनायेंगे। आज पूरे विश्व में भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया।उन्होंने बाबा शिवानंद का उल्लेख करते हुये कहा 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा कि पलक झपकते ही वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया।
मैंने सोशल मीडिया पर कई लोगों की टिप्पणी देखी कि बाबा शिवानंद अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा फुर्तीले हैं। वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है। मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूं। उनमें योग के प्रति एक लगन है और वह बहुत स्वस्थ जीवनशैली जीते हैं।