मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी कोविड का बेहतरीन प्रबंधन करते हुए देशभर में उदाहरण पेश किया है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन, वैक्सीनेशन और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मास्टर प्लानिंग जल्द से जल्द की जाए.
किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रहे, स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार समुचित वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगी. सीएम गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी संभावित लहर का सामना करने की प्रभावी रणनीति तैयार की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स होने तथा तीसरी लहर और अधिक घातक होने की बातें सामने आ रही हैं. इसे लेकर देश दुनिया में हो रहे शोध और अध्ययन को ध्यान रखते हुए रणनीति तैयार की जाए. चिकित्सा विशेषज्ञों का एक रिसर्च ग्रुप बनाकर निरंतर ऐसे शोध और अनुसंधानों का अध्ययन किया जाए.
स्थानीय स्तर पर भी कोरोना वैरिएंट्स को लेकर शोध किया जाए. उन्होंने कहा कि इस कार्य में देश-दुनिया में सेवाएं दे रहे हमारे प्रवासी चिकित्सकों का भी सहयोग लिया जा सकता है.मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को आगामी आशंकाओं के मद्देनजर ऐसे स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल तैयार किए जाएं, जिनके आधार पर भविष्य में लॉकडाउन लगाने, अनलॉक करने, बेड की संख्या बढ़ाने और मानव संसाधन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता और टाइमलाइन का निर्धारण करने में आसानी हो.
उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर कोविड प्रबंधन की योजना तैयार करने के साथ-साथ जिला स्तर पर भी माइक्रो प्लानिंग की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि एलोपैथी के साथ-साथ लोगों का आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों पर भी विश्वास है. इनका भी समुचित उपयोग करने के लिए जरूरी प्रोटोकॉल तैयार किया जाए.
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सभी जिलों में टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग तीसरी लहर को ध्यान में रखकर चिकित्सा व्यवस्थाओं को लगातार सुदृढ़ कर रहा है.प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने लॉकडाउन के बाद सभी जिलों में संक्रमण की स्थिति की जानकारी दी.
पुलिस महानिदेशक एमएल लावर ने त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन की पालना की स्थिति से अवगत कराया.शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव केसेज की संख्या में तेजी कमी आई है. राज्य में 14 मई को एक्टिव केस करीब 2 लाख 12 हजार थे, जो अब घटकर लगभग 56 हजार रह गए हैं.
कुछ जिलों में पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है. केवल 7 जिलों में ही अब भी पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से ऊपर है. उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में अब आईसीयू एवं वेंटीलेटर बेड आसानी से उपलब्ध हैं.