इंडियन आर्मी ने म्यांमार बॉर्डर पर उग्रवादियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस कार्रवाई में उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड ( NSCN K) को भारी नुकसान पहुंचा। ऐसा कहा जा रहा है कि इनके कैम्प भी तबाह हुए हैं। भारत की तरफ से किसी नुकसान की खबर नहीं है।
इससे पहले भारत ने जून, 2015 में म्यांमार बॉर्डर में घुसकर कार्रवाई की थी, जिसे सर्जिकल स्ट्राइक करार दिया था। हालांकि, आर्मी ने इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक कहने से इनकार किया।आर्मी की ईस्टर्न कमांड के मुताबिक, उग्रवादियों के खिलाफ यह ऑपरेशन बुधवार सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर किया गया। उग्रवादियों ने भारतीय जवानों पर ओपन फायरिंग की थी।
भारतीय जवानों ने जवाबी कार्रवाई में कई उग्रवादियों को मार गिराया। इससे उग्रवादियों का आपसी संपर्क टूट गया और इनमें से कुछ वहां से भाग गए।उग्रवादियों ने जून, 2015 में मणिपुर के चंदेल जिले में बीएसएफ के काफिले को निशाना बनाया। इस हमले में 28 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद इंडियन आर्मी ने पहली बार दूसरे देश (म्यांमार) की सीमा में जाकर करीब 100 उग्रवादियों को मार गिराया और उनके कई कैंप तबाह कर दिए थे।
म्यांमार ऑपरेशन के लिए आर्मी ने पांच दिन तक तैयारी की। इसके बाद पैरा कमांडो ने बॉर्डर क्रॉस कर उग्रवादियों के दो कैम्प तबाह किए, इस दौरान करीब 100 उग्रवादी मारे गए।म्यांमार में आर्मी का अपने तरह का पहला ऑपरेशन था। आर्मी के इलीट पैरा कमांडोज को ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा गया।
बताया जाता है कि करीब 25-30 कमांडो हेलिकॉप्टर से म्यांमार के जंगल में उतारे गए, जिन्होंने उग्रवादियों के कैम्पों पर हमला किया। पहली बार आर्मी की महिला अफसर मेजर रुचिका शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन की जानकारी मीडिया को दी थी।