कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों की किसी भी हिंसक कार्रवाई के खिलाफ सेना के स्थानीय कमांडरों को जोरदार तरीके से जवाब देने की पूरी छूट दी गई है. एलओसी के आसपास सेना को किसी भी हमले का जोरदार तरीके से जवाब देने के लिए कहा गया है.
सेना ने यह छूट सीमा पर लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं और उस रिपोर्ट के बाद दिया है जिसमें साउथ कश्मीर के पीर पंजाल रेंज जिसमें पुंछ, राजौरी और मेंढ़र से सटी सीमा से 180 से 200 आतंकियों द्वारा घुसपैठ करने की सूचना है.
इतनी ही संख्या में एलओसी में उत्तर पीर पंजाल रेंज से भी आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर सकते है. सूत्रों के मुताबिक साल 2018 में यहां भारतीय सेना की कार्रवाई में पाकिस्तान के 20 जवान मारे गए थे और 7 से ज्यादा घायल हुए थे. साल 2017 में यह आंकड़ा 138 रहा जबकि घायलों की संख्या 156 रही.
सेना में मौजूद सूत्रों ने यह बात कही. सूत्रों ने कहा कि देश की सेना पिछले कुछ सप्ताह से नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब देते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि स्थानीय कमांडरों को किसी भी पाकिस्तानी दुस्साहस का जवाब देने की पूरी छूट दी गई हैं.