कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहीद्दीन के एक गुप्त ठिकाने पर रविवार तड़के हुई भीषण मुठभेड़ में चार उग्रवादी मारे गए, जबकि सेना के दो जवान शहीद हो गए. घटना में एक नागरिक की भी मौत हो गई.मुठभेड़ में चार स्थानीय उग्रवादियों की मौत के बाद ग्रामीणों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सेना को गोलीबारी करनी पड़ी, जिसमें 15 नागरिक घायल हो गए. बाद में इनमें से एक की मौत हो गई.
विशेष तकनीकी एवं मानवीय खुफिया विभाग से उग्रवादियों की उपस्थिति संबंधी सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने नागबल गांव में उनके ठिकाने को घेर लिया. उसके बाद शुरू हुई भीषण मुठभेड़ में उग्रवादी मारे गए.पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण सफलता मिली है. उन्होंने कहा हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो जवान शहीद हो गए और मकान मालिक का बेटा गोलीबारी में फंस गया और उसकी मौत हो गई.
मौके पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने तड़के साढ़े तीन बजे गांव को घेर लिया था. राष्ट्रीय राइफल्स की टीम सुबह चार बजे वहां पहुंची, जिसके बाद उन्होंने आगे बढ़ना शुरू किया.दर्जी के मकान की शुरुआती तलाशी में कोई सफलता नहीं मिली. हालांकि, नए सिरे से तलाशी ली गई.
इसबार मकान मालिक के बेटे से कहा गया कि वह सुरक्षा बलों को अपना मकान दिखाए, विशेष तौर पर वे जगह जो सुरक्षाकर्मियों से छूट गए थे. टीम ने नकली छत देखी, जोर लगाने पर वह खुल गया और उग्रवादी उनपर गोली चलाने लगे. मुठभेड़ में सेना के दो जवान- लांसनायक रघुबीर सिंह और लांसनायक भनदौरिया गोपाल सिंह तथा दर्जी का बेटा मारे गए.