हुबली हिंसा को कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने एक सोची समझी साजिश करार दिया और कहा कि कानून को हाथ में लेने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। हिंसा तब शुरू हुई थी जब एक युवक ने व्हाट्सएप पर एक विवादित पोस्ट शेयर किया था। सुरक्षा बलों ने हालात को काबू में कर लिया है।
इस सिलसिले में पोस्ट शेयर करने वाले आरोपी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।चाहे वे किसी भी धर्म के हों, हिंसा में शामिल होने पर किसी को बख्शने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे शुरू में एक सुनियोजित साजिश के तौर पर देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा मुझे मिली जानकारी के अनुसार हिंसा से पहले पत्थरों के ढेर जमा किए गए थे। एक पीएसआई गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य को चोटें आई हैं।उन्होंने कहा कि हिंसा की ऐसी ही घटना बेंगलुरु के डी.जे. हल्ली में हुई।
पुलिस स्टेशन के सामने भीड़ जमा हो गई, लोगों ने पुलिस वाहनों और यहां तक कि मौजूदा विधायक के घर को भी आग लगा दी। एक युवक द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली आपत्तिजनक पोस्ट साझा किए जाने के बाद डी.जे. हल्ली में हिंसा भड़क उठी।
हुबली में कर्फ्यू 20 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य रिजर्व बलों के साथ सेना समर्थक बलों को बुलाया गया है। हालांकि, पुलिस ने हिंसा पर काबू पा लिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक शहर में स्थिति अभी भी अस्थिर है।