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स्वाति मालीवाल से की एंटी करप्शन ब्रांच ने पूछताछ

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दिल्ली सरकार के एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) की पांच सदस्यीय जांच टीम सुबह 11 बजे महिला आयोग के कार्यालय पहुंची.जांच टीम ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल व कुछ अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की. जांच टीम ने स्वाति मालीवाल से 27 प्रश्न पूछे, लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष ने  सभी प्रश्नों का जवाब एक सप्ताह में देने का आासन जांच टीम को दिया है.

गौरतलब है कि महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह ने एटी करप्शन ब्रांच में शिकायत दर्ज करवा आरोप लगाया था कि स्वाति मालीवाल ने नियम कायदे ताक पर रखकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों के रिश्तेदारों को ऊंचे वेतन पर नौकरी दी है. इससे सरकार को प्रतिमाह लाखों रुपए की क्षति हो रही है. 

इसी शिकायत की जांच के लिए एसीबी ने चार दिन पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था. नोटिस में पूछताछ के लिए सोमवार का समय नियत किया गया था. जांच टीम उसी  शिकायत के संबंध में पूछताछ करने गई थी. इस मामले में एंटी करप्शन ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच टीम महिला आयोग के कार्यालय पूछताछ के लिए गई थी.

 दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) में गैर कानूनी भर्तियों पर मिली शिकायत के बाद भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (एसीबी) की टीम द्वारा सोमवार को हुई पूछताछ पर इसकी प्रमुख स्वाति मालीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. स्वाति मालीवाल ने कहा कि उनसे इसलिए पूछताछ की जा रही है क्योंकि उन्होंने एक साल में इतने काम क्यों किए हैं. उन्होंने कहा कि हम इस तरह की जांच और पूछताछ से डरने वाले नहीं हैं.
 
उन्होंने कहा कि हमने एक भी नियुक्ति नियमों की अवहेलना कर के नहीं की है. सभी नियुक्तियां नियमों के तहत हुई हैं. जबकि पूर्व की अध्यक्षा (जिनकी शिकायत पर हमसे पूछताछ हो रही है) ने तो आईएएस और आईपीएस की पत्नियों को नौकरी पर रखा था और पिछले आठ साल में सिर्फ एक मामले का निपटारा किया है.

मालीवाल ने कहा कि इस समयावधि के दौरान आयोग ने सरकार से कोई सिफारिश नहीं की और करीब 50 अधिकारियों की एक टीम होने के बावजूद केवल छह दौरे किए. पूछताछ तो पूर्व अध्यक्षा से होनी चाहिए, कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या-क्या किया. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. हमें परेशान किया जा रहा है. यहां हर दिन एक निर्भया जैसी घटना घटती है. सरकार को उसकी चिंता नहीं है. जो लोग काम कर रहे है उन्हें परेशान किया जा रहा है.

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