ईवीएम का विरोध करने पर सीएम अरविन्द केजरीवाल को अन्ना हज़ारे ने खरी-खोटी सुनाई। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग में केजरीवाल के गुरु रहे समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि दुनिया तेजी से तरक्की कर रही है और यहां हमलोग बैलट पेपर के जमाने में जाने की चर्चा कर रहे हैं। अन्ना हजारे ने कहा कि ईवीएम के इस्तेमाल में कोई दिक्कत नहीं है, और चुनावों में निश्चित रुप से इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
अन्ना हज़ारे ने ये भी कहा कि मतगणना में कोई गलती न हो इसके लिए एक टोटलाइजर मशीन का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
हाल में खत्म हुए पांच राज्यों के विधानसभा विधानसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी, कांग्नेस ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है।
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि पंजाब में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है, और आप को डाले गये वोट बीजेपी और अकाली दल को ट्रांसफर किये गये हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बूथों पर उनकी पार्टी को अपने एजेंटों के वोट भी नहीं मिले हैं, अगर किसी बूथ पर आप के 4-5 एजेंट थे तो वहां भी आप को 1 या दो वोट मिला है।
केजरीवाल ने सवाल किया कि बाकी वोट कहां गये ?ने आशंका जाहिर की है कि अगर ईवीएम में टैंपरिंग हो सकती है तो लोकतंत्र और चुनाव से लोगों का भरोसा ख़त्म हो सकता है, चुनाव आयोग की ये जिम्मेदारी है कि वो ईवीएम पर लोगों का भरोसा बरकरार रखे। हालांकि अब ईवीएम के समर्थन में अन्ना हज़ारे के बयान देने से केजरीवाल के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है।
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी ईवीएम के टैम्परप्रूफ होने पर सवाल उठाया है। मायावती ने मतगणना के दिन ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि में छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि ईवीएम पर लोगों ने चाहे किसी भी दल के निशान पर बटन दबाया हो लेकिन ईवीएम ने सिर्फ बीजेपी को ही वोट दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो वो यूपी विधानसभी चुनाव रद्द कराकर फिर से चुनाव कराएं।