जर्मनी में हुए आम चुनाव में चौथी बार चांसलर एंगेला मर्केल (63) को जीत हासिल हुई है। रविवार को नतीजे आए। मर्केल की पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) को 33.2% वोट मिले। 1949 के पहले आम चुनाव के बाद से ये पहली बार है कि जब किसी पार्टी को चुनाव में इतने कम वोट मिले। इमिग्रेशन का विरोध करने वाली आल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) को 13.1% वोट मिले।
माना जा रहा है कि मर्केल को दूसरी पार्टियों से हाथ मिलाना पड़ेगा।न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, प्रमुख विरोधी दल सोशल डेमोक्रेट को महज 20.8% वोट मिले। यानी जर्मनी के आधे वोट केवल दो पार्टियों को ही मिले।जीत के बाद मर्केल ने कहा कि ये दक्षिणपंथी पार्टी को जीत मिलना एक तरह से जर्मनों का टेस्ट था।
ये सच है कि हमें इससे बेहतर नतीजों की उम्मीद थी। लेकिन हमने एक शानदार कार्यकाल बिताया, इस बात को नहीं भुलाया जा सकता।हम सबसे मजबूत पार्टी हैं। हमें सरकार बनाने का बहुमत मिला है। कोई भी पार्टी हमारे खिलाफ गठबंधन कर सरकार नहीं बना सकती।जर्मनी में 10 लाख से ज्यादा रिफ्यूजी और दूसरे माइग्रेंट्स रह रहे हैं।
यूक्रेन को लेकर जर्मनी का रूस के साथ तनाव चल रहा है। वहीं, ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन (EU) से बाहर होने (ब्रैग्जिट) के बाद यूरोप के भविष्य पर संशय बना हुआ है।सोशल डेमोक्रेट्स (SPD) चार साल तक मर्केल के साथ रहे थे। चुनाव के नतीजों के बाद उन्होंने गठबंधन तोड़ने का एलान किया है।
पार्टी की नेता मैनुएला श्वेसिग के मुताबिक हमने गठबंधन खत्म कर दिया है। हम अपोजिशन में बैठेंगे। लोगों ने हमें इसी तरह का जनमत दिया है।सोशल डेमोक्रेट के अलग होने के बाद मर्केल को लिबरल फ्री डेमोक्रेट (FDP) और ग्रीन्स से हाथ मिलाना होगा।