आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त के रूप में प्रभार संभाल लिया है। वर्मा ने इस पद को एक ऐसे समय पर संभाला है, जब जेएनयू प्रकरण से निपटने को लेकर दिल्ली पुलिस आलोचनाओं का सामना कर रही है। कुमार ने बीएस बस्सी की जगह ली है। पिछले एक साल में विभिन्न मुद्दों को लेकर बस्सी की ‘आप’ सरकार के साथ तनातनी रही थी।
एजीएमयूटी (अरूणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) के वर्ष 1979 बैच के अधिकारी वर्मा तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली पुलिस की कमान एक ऐसे समय पर संभाली है, जब वह जेएनयू प्रकरण से निपटने को लेकर बढ़ती आलोचनाओं में घिरी है।
पुलिस (प्रशासन) में विशेष आयुक्त के रूप में सेवाएं देने के बाद, वर्मा छह अगस्त 2014 को तिहाड़ के महानिदेशक बने थे। उन्होंने 17 माह बाद सेवानिवृत्त होना है। वर्मा दिल्ली पुलिस में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इन पदों में दक्षिण जिले में पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त, नई दिल्ली रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त, विशेष पुलिस आयुक्त (इंटेलिजेंस) और सतर्कता के विशेष पुलिस आयुक्त शामिल हैं।वह अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पुलिस महानिरीक्षक और पुडुचेरी में पुलिस महानिदेशक रहे हैं।