इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गौतम बुद्ध नगर जिले में गौमांस खाने के संबंध में दर्ज मामले में मोहम्मद अखलाक के परिवार के पांच सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.अखलाक की दादरी में भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति पी सी त्रिपाठी की खंडपीठ ने हालांकि अखलाक के भाई जान मोहम्मद को राहत देने से इंकार कर दिया.
सूरजपुर जिला अदालत द्वारा पिछले महीने दिये गये निर्देश के बाद दर्ज प्राथमिकी में नामजद छह लोगों में जान मोहम्मद शामिल था.पीठ ने कहा कि हो सकता है कि जान मोहम्मद अपने मृत भाई के साथ कथित कृत्य में शामिल रहा हो.प्राथमिकी में अन्य लोग जिनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी उनमें अखलाक का बेटा दानिश, मां असगरी, पत्नी इकरामन, बेटी शैस्ता और बहू सोना शामिल हैं.
पिछले साल 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को गौमांस खाने के संदेह पर भीड़ ने उनके घर में घुसकर अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी जबकि दानिश को गंभीर चोटें आई थीं.अदालत ने आदेश पारित करते हुए जान मोहम्मद तथा अन्य द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया. इस याचिका में प्राथमिकी को चुनौती देते हुए आरोप लगाया गया था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है.
निचली अदालत ने सूरजपाल सिंह तथा दादरी तहसील के बिसहड़ा गांव के अन्य निवासियों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये थे. शिकायत में फारेंसिक रिपोर्ट के हवाले से गौकशी कानून के तहत अखलाक के परिवार पर मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया था.