सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का कश्मीर दौरा रहा नाकाम

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कश्मीर में पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा बिना किसी कामयाबी के खत्म हो गया.हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को कुछ सकारात्मक संकेत मिले. सिंह ने सांसदों से मुलाकात करने से इंकार करने को लेकर अलगाववादियों पर निशाना भी साधा.हुर्रियत नेताओं के व्यवहार से नाखुश नजर आ रहे गृह मंत्री ने कहा कि अलगाववादियों के व्यवहार ने दिखा दिया कि वे कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत में विश्वास नहीं करते.

सिंह 20 पार्टियों के 26 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर पहुंचे थे. यह प्रतिनिधिमंडल सोमवार दोपहर श्रीनगर से जम्मू पहुंचा और वहां कुछ घंटे बिताने के बाद दिल्ली लौट गया.गृह मंत्री ने इस राय से असहमति जताई कि यह मिशन नाकाम हो गया है. उन्होंने कहा कि व्यक्तियों और समूहों के साथ ‘बहुत अच्छा संवाद’ हुआ है. प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में बैठक करेगा और भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा करेगा.

कश्मीर दौरा पूरा करने से पहले सिंह ने अलगाववादियों को कड़ा संदेश दिया और इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा.उन्होंने संवाददाताओं से कहा इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.सिंह ने कहा जहां तक बातचीत का सवाल है तो हमारे दरवाजे उन लोगों के लिए हमेशा खुले हुए हैं जो शांति और सामान्य स्थिति चाहते हैं. सिर्फ दरवाजे ही नहीं, बातचीत के लिए हमारे रौशनदान भी खुले हुए हैं.

उन्होंने कहा कि उनको पता है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादी नेताओं को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए पत्र लिखा था.प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे राजनाथ सिंह ने कहाप्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य अपनी व्यक्तिगत हैसियत से हुर्रियत नेताओं से मिलने गए. हमने जाने के लिए न तो ‘हां’ कहा और न ही ‘ना’ कहा. जो कुछ हुआ उसके बारे में आप जानते हैं. मैं विवरण में नहीं जाना चाहता.

उन्होंने कहाप्रतिनिधियों द्वारा दी गई सूचना (इस बारे में कि सदस्यों से कैसा व्यवहार किया गया) यह स्पष्ट करती है कि यह न तो कश्मीरियत है और न ही इंसानियत.राजनाथ ने कहा देश में संसद सबसे बड़ी पंचायत है और यह कश्मीर की स्थिति को लेकर बहुत गंभीर है. इस पंचायत ने लोगों से बात करने के लिए प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का फैसला किया.

उन्होंने कहा हम कश्मीर में स्थिति को लेकर न सिर्फ चिंतित हैं, बल्कि आहत भी हैं. हमें हर किसी के सहयोग की आवश्यकता है.पूछे जाने पर कि भारत कश्मीर पर पाकिस्तान से बातचीत करना चाहता है तो सिंह ने कहा पहले हमें भारतीयों से बात करने दीजिए.यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र पीडीपी और नेशनल कान्फ्रेंस द्वारा समय-समय पर संविधान के तहत व्यापक स्वायत्तता देने की मांग पर आगे बढ़कर विचार करने की इच्छा रखता है, गृहमंत्री ने कहा अतीत में किसने क्या कहा, हम उसमें नहीं जाना चाहते.

हमने कश्मीर में हालात सुधारने के लिए हर किसी की राय और सहयोग लिया है.ट्रैक-2 वार्ता की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा ट्रैक वन, ट्रैक टू, ट्रैक थ्री..मैं इस बहस में नहीं पड़ना चाहता.कश्मीर में अशांति शुरू होने पर कश्मीर की अपनी जुलाई यात्रा का उल्लेख करते हुए राजनाथ ने कहा कि जिन लोगों से वह मिले, उन्होंने पेलेट गनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की मांग की थी.

उन्होंने कहा हमने एक विशेषज्ञ समिति गठित की जिसे दो महीने के भीतर पेलेट गनों के विकल्प पर रिपोर्ट देनी थी. समिति ने समय से पहले ही अपनी रिपोर्ट दे दी और अब पावा आ चुका है.गृहमंत्री ने कहा मुझे लगता है कि पावा के इस्तेमाल से किसी की जान नहीं जाएगी.उन्होंने कहा कि रविवार को कश्मीर में 1,000 गैर घातक पावा गोले पहुंच चुके हैं.

राजनाथ ने कहा कि उन्होंने विभिन्न तबकों के 300 लोगों के 30 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की.उन्होंने कहा हमने राजनीतिक दलों, समाज के लोगों, विश्वविद्यालय शिक्षकों, कुलपतियों, फल उत्पादकों, छात्रों और कुछ बुद्धिजीवियों से बात की.गृह मंत्री ने कहा हर कोई हालात में सुधार चाहता है. प्रतिनिधिमंडल ने इन लोगों, राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा अधिकारियों से बात की. मुझे पूरा विश्वास है कि हालात में सुधार होंगा, जो यहां के लोग भी चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकार को पूरा सहयोग दे रहा है और राज्य सरकार हालात में सुधार के लिए प्रयास कर रही है.राजनाथ सिंह ने कहा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वापसी के बाद दिल्ली में बैठक करेगा और भविष्य के लिए कार्ययोजना तय करेगा.सिंह ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की कश्मीर और जम्मू की यात्रा के दौरान लोगों और समूहों से बहुत अच्छी बातचीत हुई और विभिन्न मुद्दों पर लोगों के विचार सुने गये.

गृहमंत्री ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों को जम्मू कश्मीर के बारे में बहुत कम जानकारी है और इस यात्रा से उन्हें राज्य के जमीनी हालात को समझने में मदद मिली.उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि संसद में जब भी जम्मू कश्मीर पर कोई चर्चा होगी तो हमें उनसे पूरा सहयोग मिलेगा.गृहमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे कश्मीरी युवकों की चिंताओं के समाधान के लिए मंत्रालय ने डॉ. संजय राय को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है जिनसे इन फोन नंबरों 011..23092923, 23092885 पर संपर्क किया जा सकता है.

प्रतिनिधिमंडल में गृहमंत्री के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (लोजपा), जदयू नेता शरद यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा शामिल हैं.

इनके अलावा राकांपा के तारिक अनवर, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, शिवसेना के संजय राउत और आनंदराव अडसुल, तेलगूदेशम पार्टी के टी नरसिंहन, अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा, बीजद के दिलीप टिर्की, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, एआईयूडीएफ के बदरद्दीन अजमल और मुस्लिम लीग के ई अहमद भी हैं.

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