मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के बाद किसानों और मजदूरों को हो रही दिक्कतों को लेकर केन्द्र सरकार को एक बार फिर घेरा.उन्होंने कहा कि देश को बिना तैयारी के सबकुछ बदल डाले जाने का खामियाजा अर्थव्यवस्था के पिछड़ने के रूप में भुगतना पड़ेगा.मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बिना तैयारी के बड़े करंसी नोट का चलन बंद कर देश के गरीबों, किसानों और मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा कर दिया है.
हालात सामान्य होने में छह महीने से साल भर का समय लगेगा. तब तक गरीबों का क्या हाल होगा.उन्होंने कहा सोचिये अगर किसान बर्बाद हो गया तो अर्थव्यवस्था के तमाम आंकड़े पीछे हो जाएंगे. रोजगार पर सबसे पहले असर पड़ेगा. अब तो पूरा देश यह कह रहा है कि सरकार ने बिना तैयारी के सबकुछ बदल दिया.
अगर आप (भाजपा) पर भरोसा कर लिया और पड़ोसी देशों से कुछ मामला बन गया और आपकी तैयारी नहीं होगी, अभी तो पैसे में फंसाया है, आने वाले समय में हो सकता है कि आप (भाजपा) देश को फंसा दें. आपकी तैयारी नहीं होगी तो देश के सामने संकट पैदा होगा.
अखिलेश ने कहा कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सरकार का बनाया संकट है. सबसे ज्यादा परेशानी किसानों के सामने आयी है. जब किसान को उम्मीद थी कि पानी अच्छा बरस गया है और अच्छा बीज मिल गया है, तो अच्छी फसल होगी, लेकिन केन्द्र के इस कदम ने उन्हें सदमा दे दिया है.