समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा अखिलेश ही सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनेंगे. मैं इसके लिए शपथ पत्र दे सकता हूं.इतना ही नहीं आप सभी और मुख्यमंत्री कहें तो मैं अध्यक्ष पद छोड़ सकता हूं.शिवपाल करीब पांच साल बाद प्रदेश अध्यक्ष बने हैं. इस कुर्सी को संभालने के बाद पहली बार श्री यादव यहां पार्टी मुख्यालय में जिलाध्यक्षों और महासचिवों से मुखातिब थे.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस बैठक में शामिल नहीं हुए. करीब पांच घण्टे से ज्यादा चली इस मैराथन बैठक में शिवपाल ने सभी जिलाध्यक्षों को बोलने का मौका दिया.उन्होंने धैर्य से मौजूदा हालात के दौर में जिलों में पार्टी की स्थिति को समझा. उन्होंने आगामी 5 नवम्बर को लखनऊ में पार्टी के 25 वें स्थापना दिवस पर आयोजित रजत जयंती सम्मेलन की तैयारियों पर भी अपनी राय रखी.
सभी को सुनने के बाद शिवपाल ने माइक संभाला तो वे भावुक हो गये.उन्होंने कहा अगर मेरे प्रदेश अध्यक्ष बनने से दिक्कत है तो मुख्यमंत्री कहें मैं तत्काल अध्यक्ष पद छोड़ दूंगा. इतना ही नहीं यदि आप लोग प्रस्ताव कर मुझे अध्यक्ष पद छोड़ने को कहें तो मैं अध्यक्षी छोड़ दूंगा.’
शिवपाल के इस कथन पर पूरे डा. राममनोहर लोहिया सभागार में खामोशी पसर गयी. सभी ने एक स्वर से कहा आप प्रदेश अध्यक्ष रहिए मगर अखिलेश यादव को निर्विवाद मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें. इस पर शिवपाल ने कहा मैं तो लगातार ही अखिलेश को ही मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहा हूं. फिर भी शपथ पत्र देकर कह सकता हूं कि जब भी सपा की सरकार बनेगी अखिलेश ही मुख्यमंत्री होंगे.
इसके साथ ही शिवपाल ने पार्टी से निकाले गये युवा नेताओं और अखिलेश टीम के तीन एमएलसी की तरफ इशारा करते हुए अगर नेताजी (मुलायम) तथा पार्टी के बारे में कोई गलत बयानी करेगा तो क्या कार्रवाई नहीं होगी? यदि मैंने गलत कार्रवाई की है तो यहां सभागार में बैठे आप लोग बताएं. इस पर सभी जिलाध्यक्ष और महासचिवों समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी शिवपाल के फैसले को जायज ठहराया.