सफर के दौरान यात्रियों के ‘चेक इन’ सामान पर अलग से शुल्क लगाने के प्रस्ताव को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि सामान पर अलग से शुल्क बसूलकर हम यात्रियों पर बोझ नहीं डाल सकते हैं। इसके पहले घरेलू एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों के सामान प्रति किलो के हिसाब से रुपए चुकाने का प्रस्ताव डीजीसीए को भेजा था।
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महानिदेशालय को इस बारे में स्पाइसजेट, इंडिगो और एयर एशिया से एक प्रस्ताव मिला था। इन कंपनियों ने ‘जीरो बैगेज फेयर’ (बिना सामान का किराया) श्रेणी रखने का विचार रखा था, जिसमें उस यात्री को टिकट में छूट देने की बात कही गई थी, जिसके पास किसी तरह का ‘चेक-इन’ सामान नहीं होगा।अधिकारियों का मानना है कि इस प्रस्ताव को लागू करने से मौजूदा व्यवस्था खत्म हो जाती, जिसमें कोई यात्री 15 किलो तक ‘चेक इन’ सामान मुफ्त ले जा सकता है।