लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर प्रशासन-किसानों में इन शर्तों पर हुआ समझौता

यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों और प्रशासन के बीच एक समझौता हुआ है। इससे एक दिन पहले एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई।बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा के अनुसार उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश रविवार की हिंसा की जांच करेंगे, प्रत्येक मृतक के परिवारों को 45 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा, और झड़पों में घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर चार किसानों समेत नौ लोगों की मौत के एक दिन बाद राज्य पुलिस ने सोमवार को कहा कि दोपहर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे पीड़ितों के परिवारों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया जाएगा और स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।

आईजी लखनऊ, लक्ष्मी सिंह ने सोमवार को बातचीत करते हुए कहा पीड़ित परिवारों के साथ कई दौर की बातचीत हुई। हम अभी भी परिवारों के संपर्क में हैं और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी सभी मांगों को नोट कर लिया गया है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उम्मीद है, दोपहर दो बजे तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।उन्होंने आगे बताया कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और कई अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और यूपी पुलिस की भारी तैनाती की गई है क्योंकि आसपास के इलाकों के लोग विरोध स्थल पर जमा हो रहे हैं।

लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा टेनी के खिलाफ तिकुनिया में शिकायत दर्ज कराई है।हालांकि हजारों किसानों के साथ परिवारों ने शवों को सड़क पर रख दिया है और उनकी मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर रहे हैं।

किसानों को अपना समर्थन देने के लिए आसपास के क्षेत्रों के अधिक से अधिक लोग विरोध में शामिल हुए हैं।किसानों ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए पीड़ितों के परिजनों को 41 करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।लखीमपुर खीरी के एक किसान ने कहा हम इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं। हम एक स्वतंत्र जांच समिति से मामले की जांच चाहते हैं।

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