उत्तराखंड में 9 कांग्रेसी विधायकों के साथ बीजेपी का सरकार बनाने का दावा

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उत्तराखंड विधानसभा में जमकर हंगामा होने के बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। बता दें कि फाइनेंस बिल पास करने के दौरान बीजेपी वोट डिविजन की मांग पर अड़ गई। कांग्रेस के 12 में से 9 बागी विधायकों ने भी अपोजिशन का साथ दिया। बागी ग्रुप की अगुआई कर रहे मंत्री हरक सिंह रावत और सीएम हरीश रावत के खेमे के मंत्री प्रसाद नेथानी के बीच असेंबली के अंदर हाथापाई तक की नौबत आ गई। 

कांग्रेस के 9 बागी और बीजेपी के 26 विधायक देर रात चार्टर्ड प्लेन से नई दिल्ली पहुंच चुके हैं।माना जा रहा है कि शनिवार को यहां सीनियर बीजेपी लीडर्स के साथ मीटिंग में आगे की स्ट्रेटजी तय होगी।बागी कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं।दिल्ली पहुंचे कांग्रेस के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कहा, “ये सरकार बड़े घोटालों में लिप्त है और उत्तराखंड को बर्बादी की ओर ले जा रही है।जबकि, कांग्रेस के बागी मिनिस्टर हरक सिंह रावत ने कहा, “हम (बीजेपी और कांग्रेस के बागी) राज्य को एक मजबूत सरकार देंगे।

पीटीआई के मुताबिक बीजेपी का डेलिगेशन शुक्रवार को गवर्नर से मिला और सरकार बनाने का दावा पेश किया।इस दौरान कांग्रेस के बागी विधायक भी मौजूद थे। सभी रात में 11 बजे के करीब बस में सवार होकर गवर्नर से मिलने पहुंचे।रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बीजेपी को बीएसपी के एक विधायक का भी सपोर्ट है।उधर, बीजेपी ने कांग्रेस के 10 से 12 विधायकों के सपोर्ट मिलने का दावा किया है।बागी विधायकों का नेतृत्व कांग्रेस के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अमृता रावत, प्रतीप बत्रा और अंबिका रावत कर रहे हैं।

हरीश रावत ने कहा- “उत्तराखंड की जनता सब देख रही है। दिल्ली में बीजेपी ने ऐसा करने का प्रयास किया था, वहां क्या हाल हुआ पूरे देश ने देखा है।उन्होंने कहा कि उनके पास बहुमत है। हमारी सरकार खतरे में नहीं है।सरकार को कुछ नहीं होने जा रहा है, क्योंकि जनता का आशीर्वाद और विश्वास हमारे पास है।उधर, स्टेट कांग्रेस प्रेसिडेंट किशोर उपाध्याय ने भी कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है।

कांग्रेस के बागी विधायक हरीश रावत के कामकाज से नाराज हैं।विधायकों का आरोप है कि सरकार में बड़े पैमाने पर करप्शन हो रहा है और राज्य बर्बादी की और जा रहा है।हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बगावत के पीछे विजय बहुगुणा का रोल अहम हैं।बहुगुणा, रावत को सीएम बनाने को लेकर कई बार खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं।वे पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी की मांग करते आ रहे थे, हरीश रावत खेमा उन्हें जिम्मेदारी देने के विरोध में था।

शुक्रवार को हरक सिंह रावत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।बताया जा रहा है कि इससे पहले हरक सिंह के सपोर्टर भी बीजेपी विधायक अजय भट्ट के सपोर्ट में नारे लगाते दिखे।बागी विधायक हरीश रावत के कामकाज से खुश नहीं हैं। अगर ये सभी बीजेपी में शामिल होते हैं तो अजय भट्ट को सीएम बनाया जा सकता है।कॉन्स्टिट्यूशन एक्सपर्ट सुभाष कश्यप ने कहा, ‘अगर कोई भी मेंबर डिविजन मांगता है तो स्पीकर का दायित्व बनता है कि वो डिविजन कराए।’ 

अगर फाइनेंस बिल के डिविजन पर सरकार हार जाती है तो उसे इस्तीफा देना होगा।70 सीटों वाली उत्तराखंड असेंबली में कांग्रेस के 36, बीजेपी के 28, निर्दलीय 3, बीएसपी के 2 और यूकेडी का 1 विधायक है।जो एमएलए हरीश रावत के खिलाफ हैं वो सभी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा खेमे के बताए जा रहे हैं।

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