धर्म संसद में जमकर हंगामा हुआ। यहां साधु-संतों ने राम मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण के लिए तारीख बताओ-तारीख बताओ के नारे लगाए। नारेबाजी ठीक संघ प्रमुख मोहन भागवत के सम्बोधन खत्म होने के बाद शुरू हुई।
इससे पहले मोहन भागवत ने राम मंदिर के मामले में एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने धर्म संसद में स्पष्ट कहा कि मैं समझता हूं कि अगर इन चार-छह महीने की उथल पुथल के पहले कुछ हो गया तो ठीक है, उसके बाद यह जरूर होगा, यह हम सब देखेंगे।
गौरतलब है कि राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास की अध्यक्षता में कुम्भ मेले में धर्म संसद चल रही है। शुक्रवार को इसे सम्बोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर से एक इंच भी समझौता नहीं होगा। हमें उस ही तरह का राम मंदिर चाहिए जैसा हम लोगों को दिखाते रहे हैं।
अपने भाषण में भागवत ने यह भी कहा कि इलाहबाद कोर्ट ने भी माना है कि नीचे मंदिर है। उन्होंने कहा अब वहां जो भी बनेगा राम मंदिर ही बनेगा। मोदी सरकार से भी हमने कहा था कि आपको तीन साल नहीं छेड़ेंगे लेकिन अब मामला निर्णायक दौर में है। मंदिर बनना चाहिए।
मंदिर मामले में मोदी सरकार का पक्ष लेते हुए मोहन भागवत ने कहा सुप्रीम कोर्ट के लिए राम मंदिर प्राथमिकता में नहीं है। सरकार प्रयास कर रही है। यह अच्छी बात है। सरकार ने अयोध्या में गैरविवादित जमीन को उनके मालिकों को लौटाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की है जो कि मंदिर निर्माण के लिए एक अच्छा कदम है।