जीएसटी बिल का समर्थन करने के साथ बिहार देश का ऐसा पहला गैर राजग राज्य है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीएसटी के फायदे और इस पर बिहार के रुख को रेखांकित किए जाने के बाद बिहार विधानसभा में इस बिल को जहां ध्वनिमत से पारित किया गया। वहीं बिहार विधान परिषद में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इससे पूर्व जीएसटी बिल पर चर्चा के बाद वाणिज्य कर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के जवाब देने के दौरान हस्तक्षेप करते हुए नीतीश ने जीएसटी बिल के फायदे की चर्चा करते हुए कहा कि कर के दायरे में सारी वस्तुओं के आ जाने सबसे अधिक फायदा पारदर्शिता लाने में होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कहीं किसी चीज का उत्पादन हुआ और वहां से माल चला और हम लोगों के राज्य में आया और जितने सामानों की बिक्री होती है सारे सामान कर के दायरे में आ नहीं पाते हैं। यह सर्वविदित है कि बहुत सारी चीजों का औपचारिक तौर पर व्यापार होता है और बहुत लोग हैं ऊपर-ऊपर कारोबार कर लेते हैं।
उन्होंने कहा कि कर का प्रावधान होने के बावजूद बहुत सारे लोग उसे अदा नहीं करते और न ही कोई उसे वसूलता है। नीतीश ने कहा कि कई मामलों में ग्राहकों को रसीद नहीं मिलती है और ग्राहक भी उसको लेकर संजीदा नहीं होते। उन्होंने कहा कि चाहे वह लघु, मध्यम अथवा बडा व्यापार हो उनमें बहुत से व्यापार कर के दायरे में नहीं आ पाते।
नीतीश ने कहा कि जीएसटी जिसके तहत नयी आईटी प्रणाली का विकास किया जाएगा जिसमें हर चीज स्पष्ट होगी और उसमें पूरी पारदर्शिता रहेगी। हो सकता है कि कौन बेच रहा है यह भले प्रकट नहीं हो लेकिन किस राज्य में बिका उस राज्य के लिए वह कर कट जाएगा।
नीतीश ने कहा कि बोलचाल की भाषा में जो दो नंबर का कारोबार है और जिससे कालाधन पैदा होता है तो जीएसटी के लागू होने पर इसमें पारदिर्शता के कारण इसमें सारे व्यापार के कर के दायरे में आने की हमें उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में सारे व्यापार के कर दायरे में आ जाने के कारण सबसे पहला फायदा पारदर्शिता के कारण होने वाला है जिसके चलते हम लोगों ने प्रारंभ से इसका समर्थन किया तथा पारदर्शिता से सबसे अधिक राज्य को फायदा होगा।
नीतीश ने कहा कि आज हम उसी व्यापार पर टैक्स ले सकते हैं जिस पर लेने के हम हकदार हैं और जो घोषित व्यापार है उसी पर हम टैक्स ले पा रहे हैं पर जो चीजें कहीं न कहीं बन रही है और यहां बिक भी रही हैं तथा वे टैक्स नेट में नहीं आ पा रहे हंै जो सबसे बडी बात है जीएसटी के लागू होने पर वे टैक्स नेट में आएंगे।
उन्होंने दूसरी बात यह है कि सेवाओं यथा टेलिकाम, रेल आदि पर लगने वाले कर पर केंद्र का अधिकार है और नयी व्यवस्था में हमें सेवाओं पर भी टैक्स लगाने का अधिकार प्राप्त होगा और उसमें हिस्सा मिलेगा।नीतीश ने कहा कि तीसरी बात यह कि इसके लागू हो जाने पर पूर्व में जो वस्तुएं उत्पादित करने वालों को जो लाभ होता था पर अब उसके उपभोक्ता राज्यों को भी लाभ मिलेगा। ऐसे में अब बराबरी की स्थिति आ गयी।