मुम्बई हाई कोर्ट ने विवादित आदर्श सोसायटी गिराने का आदेश दे दिया है. मुम्बई हाई कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने के लिए 12 हफ्तों का समय है.यही नहीं, कोर्ट ने केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए.हाई कोर्ट ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए 12 हफ्तों का समय दिया है, तब तक इमारत गिराने के आदेश पर रोक रहेगी.
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि उन सभी नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिन्होंने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया.महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं कोर्ट के आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. आदर्श हाउसिंग सोसाइटी मामले में नाम आने के बाद अशोक चह्वाण को पद से हटना पड़ा था.
इस मामले में जांच आयोग ने चह्वाण के अलावा पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे को भी बुलाया था. आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में कई नेताओं व अफसरों ने गलत तथ्यों व दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट लिये थे. इस सोसाइटी की स्थापना कारगिल युद्ध के शहीदों के लिए किया गया था.
गौरतलब है कि आदर्श हाउसिंग सोसायटी मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में स्थित है. यह इमारत तटवर्ती नियमों का उल्लंघन कर बनाई गई जिस पर 1999 से ही विवाद है. मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी आरोपी हैं.