दानिक्स कैडर के दो अफसरों के निलंबन को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच फिर ठन गई है। केजरीवाल सरकार के निलंबन के इस कदम से केंद्र और आप सरकार के बीच नए सिरे से गतिरोध शुरू हो गया है। गौर हो कि केवल दिल्ली के उपराज्यपाल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ दानिक्स कैडर के अधिकारियों को निलंबित कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को आप सरकार की ओर से दो दानिक्स कैडर अधिकारियों के निलंबन को अमान्य बताया है। जानकारी के अनुसार, दानिक्स के दो अफसरों के निलंबन पर छिड़ी जंग के बीच गृह मंत्रालय ने आज कहा कि दानिक्स के दो अफसरों का निलंबन गलत है। इस मसले पर दिल्ली सरकार का निलंबन का आदेश अमान्य है।
वहीं, दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज एक विवादित बयान देते हुए कहा कि दिल्ली में दानिक्स अफसर छुटटी पर जाएं, इससे भ्रष्टाचार कम होगा। उन्होंने कहा कि दानिक्स अधिकारी एक दिन नहीं, बल्कि एक महीने की छुट्टी ले लें। इससे जनता खुश होगी। उन्होंने कहा कि अफसर छुटटी पर जाना चाहते हैं तो जाएं लेकिन वे हड़ताल नहीं कर सकते हैं। हम सारा सिस्टम ऑनलाइन कर देंगे। सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा कि यदि एलजी ने काम करने से मना किया है तो वे लिखकर दें। बता दें कि दिल्ली के दानिक्स अधिकारी आज एक दिन की मास लीव पर चले गए हैं।
गौर हो कि दिल्ली सरकार ने कैबिनेट के फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने पर दिल्ली के गृह विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को बीते दिनों निलंबित कर दिया, जिसके बाद दिल्ली, अंडमान-निकोबार द्वीप सिविल सेवा (दानिक्स) कैडर के करीब 200 अधिकारियों ने अपने सहकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए आज सामूहिक अवकाश पर चले गए। दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि विशेष सचिव (अभियोजन) यशपाल गर्ग और विशेष सचिव (कारागार) सुभाष चंद्रा को निलंबित कर दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि गर्ग और चंद्रा के सार्वजनिक अभियोजकों के वेतन में वृद्धि से जुड़े कैबिनेट के फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद यह कार्रवाई की गई।