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वाराणसी के करीब चंदौली में झरने में नहाने गए युवक की हुई कुंड में गिरने से मौत

वाराणसी के करीब चंदौली में जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में स्थित विश्व प्रसिद्ध राजदरी जलप्रपात पर भी बड़ी संख्या में सैलानी आ रहे हैं. लेकिन इस दौरान लोग मौज-मस्ती के चक्कर में अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे हैं, जिस वजह से लगातार घटनाएं हो रही हैं.

ऐसी ही घटना मंगलवार की शाम हुई, जब एक युवक राजदरी झरने में नहाते-नहाते अचानक गहरे कुंड में जा गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई. हालांकि 24 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों के प्रयास से युवक का शव निकाला गया और पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा दिया है.

लेकिन इस दौरान वन विभाग और पुलिस का शर्मनाक चेहरा भी देखने को मिला. यहां एक दूसरे पर दोनों विभाग दोषारोपण करते नजर आए और मीडिया के सवालों का जवाब भी नहीं दिया. इससे परिजनों पर दोहरी मार पड़ी है.

पुलिस अधीक्षक नक्सल से जानकारी मांगने पर उन्होंने साफ कह दिया कि यह मामला वन विभाग का है. जबकि नौगढ़ पुलिस ने युवक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया.

दरअसल, जिले के नक्सल प्रभावित नौगढ़ तहसील क्षेत्र में स्थित राजदरी देवदरी जलप्रपात पर इस समय सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। बारिश के कारण जलप्रपात पर जल प्रवाह देखने के लिए लोग बड़ी दूर-दूर से आ रहे हैं.

इसी क्रम में बक्सर से 10 युवकों का एक दल मंगलवार को राजदरी जलप्रपात पहुंचा. यहां पर इन युवकों में से मनोज वर्मा अचानक कुंड में जा गिरा और उसकी मौत हो गई. हालांकि, इस दौरान तेज बहाव में जब युवक बह रहा था तो उसके दोस्तों ने उसको बचाने का पूरा प्रयास किया और शोर भी मचाया, लेकिन उसको बचा नहीं पाए.

मंगलवार की शाम को काफी कोशिशों के बाद भी युवक का शव बरामद नहीं हुआ. इस दौरान घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को हुई तो वह भी राजदरी पहुंचे. काफी प्रयास और खोजबीन के बाद स्थानीय लोगों ने बुधवार की देर शाम युवक का शव कुंड से बाहर निकाला.

घटना की जानकारी होने के बाद मौके पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौजूद थी. लेकिन, दोनों मूकदर्शक बने रहे और मृतक के शव को खोजने कोई प्रयास तक नहीं किया. यही नहीं पुलिस प्रशासन और वन विभाग के लोगों ने परिजनों की सहायता तक नहीं की.

मृतक के दोस्त विशाल ने बताया कि अपने 10 दोस्तों के साथ वह राजदरी घूमने आए थे. झरने में नहाते समय मनोज वर्मा फिसल कर तेज बहाव में बहने लगा. पकड़ने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. इसकी सूचना जब वन विभाग को दी गई तो वह सिर्फ कागजी कार्रवाई कर चले गए.

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