ब्लैक फंगस ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया. लोग अपने परिजनों की जान बचाने के लिए किसी भी सीमा को लांघने को तैयार है. इसके बाद भी अपने परिजनों को राहत नहीं दे पा रहे हैं.
हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक शख्स ने अपने चाचा की जान बचाने के लिए कई हजार किलोमीटर दूरी का सफर तय किया. जी हां! आंध्र प्रदेश के शिव शंकर अपने चाचा के इलाज में उपयुक्त इंजेक्शन मिलने की उम्मीद में लखनऊ तक आ गए.
आंध्र प्रदेश के हैदराबाद के रहने वाले शिव शंकर नायडू के चाचा ब्लैक फंगस से लड़ रहे हैं. आंध्र प्रदेश में ब्लैक फंगस के इलाज में उपयुक्त इंजेक्शन की कालाबाजारी चरम पर है. ऐसे में शिव शंकर नायडू को वहां इंजेक्शन मिलने की उम्मीद नहीं दिखी.
इसके बाद उनके दोस्तों ने उत्तर प्रदेश जाने के लिए कहा. शिव शंकर को इंजेक्शन मिलने की उम्मीद दिखी. जिसके बाद कई हजार किलोमीटर का सफर तय कर वह राजधानी लखनऊ पहुंचे. हालांकि, अभी तक उनके हाथ खाली हैं.
उन्हें अभी तक इंजेक्शन नहीं मिल सकी है. इसी कड़ी में एक और नाम रोहन जायसवाल का जुड़ता है. वह देवरिया के रहने वाले हैं. रोहन अपने भाई की पत्नी के इलाज में लगने वाले इंजेक्शन मिलने की आस में लखनऊ के रेड क्रॉस सोसाइटी अस्पताल में चक्कर लगा रहे हैं.
कई दिनों के चक्कर लगाने के बाद भी अभी तक रोहन जायसवाल को इंजेक्शन नहीं मिल पाया है. रोहन जयसवाल बताते हैं कि वह सीएमओ, डीएम और कमिश्नर सभी से मिलकर मदद की गुहार लगा चुके हैं, इसके बाद भी अभी तक उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पाया है.