किसानों और केंद्र के बीच 8वें दौर की बातचीत आज

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 40वें दिन भी जारी है और किसान लगातार कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें दौर की बातचीत होगी.

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और केंद्र सरकार के बीच 30 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच हुई थी. लगभग पांच घंटे चली बैठक में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन दो बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा.

किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.किसानों और केंद्र के बीच 7वें दौर की बातचीत में सरकार बीच का रास्ता निकालने के लिए फॉर्मूला पेश कर सकती है.

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर लिखित भरोसा देने के विकल्प पर विचार कर रही है. इसके अलावा तीनों कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर सरकार समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है और इस कमेटी में किसान संगठनों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है.

किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा हम 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे. राय ने लोगों से अपील की कि वे छह से लेकर 20 जनवरी तक किसानों के समर्थन में देशभर में धरना-प्रदर्शन आयोजित करें. उन्होंने कहा कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर 23 जनवरी को आजाद हिंद किसान दिवस के रूप में मनाएंगे.

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