मुंबई ट्रेन धमाके में मकोका कोर्ट ने 12 दोषियों में 5 को फांसी और सात को उम्रकैद की सजा सुनाई है.मुंबई में लोकल ट्रेनों में श्रृंखलाबद्ध बम ब्लास्ट के करीब नौ साल बाद एक विशेष अदालत ने जिन पांच लोगों को फांसी की सजा सुनायी है उनके नाम हैं-कमाल अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैसल शेख (36), आसिफ खान (38) ,नवीद हुसैन खान (30) और एहतेशाम सिद्दीकी (30), जबकि तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहेल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36) को उम्र कैद की सजा दी गयी है.
एंटी टेरर स्कवैड ने इस घटना में जांच की जिसमें 30 आरोपी सामने आये, जिसमें से 13 की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई, जबकि बाकी 17 की पहचान भारतीय नागरिक के रूप में हुई . इस मामले में चार दोषी भारतीयों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है. जबकि 13 पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हो सकी है.मुंबई की कई लोकल ट्रेनों में प्रथम श्रेणी डिब्बों में 11 जुलाई, 2006 को सात आरडीएक्स बम विस्फोट हुए थे जिनमें 188 लोग मारे गये और 829 घायल हो गये थे.
सजा सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. उन्होंने कहा कि निर्दोषों को सजा दी गयी है. उन्होंने कहा कि एटीएस ने कोर्ट को गुमराह किया है.गौरतलब है कि 11 जुलाई 2006 को मुंबई में 7 सिलसिलेवार धमाका हुए . इस हमले में 188 लोग मारे गये थे और 824 लोग घायल हुए थे. ब्लास्ट शाम 6 बजकर 24 मिनट में हुई जो 11 मिनट तक लगातार चलती रही.विस्फोट खार -रोड सांताक्रूज, जोगेश्वरी-माहिम जंक्शन,मीरा रोड-भयंदर, माटुंगा -माहिम और बोरेवाली जंक्शन के बीच हुई. हमले प्रेशर कुकर बम से किये गये थे. हमले में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया.
सुनवाई के दौरान 5,500 पन्नों के प्रत्यक्षदर्शियों का बयान दर्ज किया गया. 19 अगस्त 2014 को सुनवाई पूरी हुई. 11 सितम्बर 2015 को 12 आरोपियों को दोषी करार दिया गया, जबकि 1 आरोपी को बरी कर दिया गया. सभी हमलावार आतंकी संगठन ‘सिमी’ से जुड़े हुए थे.मुंबई धमाके के सुनवाई होने में 9 साल लग गये. सरकारी वकील ने 192 गवाह को पेश किया जबकि बचाव पक्ष की ओर से 51 गवाहों को पेश किया गया.एटीएस के मुताबिक मुंबई बम धमाका का खास मकसद गुजरात दंगे का बदला लेना और खास कम्युनिटी को निशाना बनाना था.