नोटबंदी को लेकर विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे कहते हैं मोदी हटाओ. हम कहते हैं भ्रष्टाचार-कालाधन हटाओ.उत्तर प्रदेश में आसन्न राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा द्वारा नवम्बर-दिसम्बर में सूबे के विभिन्न स्थानों में आयोजित छह परिवर्तन रैलियों के बाद सोमवार को यहां रमाबाई अम्बेडकर मैदान में सम्पन्न परिवर्तन महारैली में देश का भाग्य बदलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मैं तो काला धन और भ्रष्टाचार हटाने में लगा हुआ हूं और विपक्ष मुझे ही हटाने में अपनी पूरी शक्ति लगा रहा है.
देश की जनता को तय करना है कि क्या करना है. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि भाजपा का आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में 14 साल का वनवास खत्म होगा.पार्टी विकास को कभी इस तराजू से नहीं तौलती. मुद्दा ये नहीं है कि 14 साल के लिए यूपी में भाजपा का वनवास हो गया. मुद्दा ये है कि इस प्रदेश से विकास का वनवास हो गया.
उप्र की जनता से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का आशीर्वाद मांगते हुए मोदी ने कहा- अब यहां परिवर्तन आधा-अधूरा नहीं, पूरा करना है. मैं नए साल के दूसरे ही दिन आपसे यह कहने आया हूं कि आधा-अधूरा परिवर्तन करने की बजाए किसी भी कीमत पर यूपी में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएं.
महारैली में उमड़े जनसमुदाय को देखकर उत्साहित प्रधानमंत्री ने कहा कि 14 साल बाद यूपी की धरती पर विकास का नया अवसर आने का नया नजारा देख रहा हूं. उन्होंने कहा, प्रधान सेवक के रूप में उन्हें कई रैलियों को संबोधित करने का अवसर मिला है पर अपने जीवन में इतनी बड़ी रैली को संबोधित करने का मौका कभी नहीं मिला. लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान भी ऐसी विशाल रैली उन्होंने नहीं देखी.
विकास कार्यों में उदासीनता और पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश से सांसद हूं. यहां की सरकार का काम देखकर पीड़ा होती है. मेरे संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोड भी बनवानी होती है तो देखा जाता है कि इसके लिए किसने सम्पर्क किया है. सभी सांसद कहते हैं कि विकास में भी भेदभाव हो रहा है.
मायावती का नाम लिए बगैर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि मैं छोटी सोच नहीं रखता, इसलिए सबका साथ सबका विकास चाहता हूं मगर कुछ लोगों की राजनीतिक सोच बहुत निम्न कोटि की हो गई है. दो-तीन दिन पहले ‘भीम’ नाम का एक मोबाइल एप लांच किया गया मगर उसे भी राजनीतिक रंग दिया गया.