दूध की गुणवत्ता को लेकर चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, सरकार के मुताबिक, 68 फीसदी से ज्यादा दूध खाद्य नियामक की ओर से तय मानकों पर खरा नहीं उतरता है.दूध में सबसे ज्यादा मिलावट डिटर्जेंट, कॉस्टिक सोडा, ग्लुकोज, सफेद पेंट और रिफाइंड तेल की पाई गई. ये सभी सेहत के लिए घातक माने जाते हैं.
बता दें कि साल 2011 में एफएसएसआई ने पाया था कि भारत का तकरीबन 69 फीसदी दूध मिलावटी है. इसके मद्देनजर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा कि दूध में मिलावट की जांच के लिए जल्द बाजार में नया टेस्ट किट लॉन्च किया जाएगा, जो मात्र 40 सेकेंड में दूध की मिलावट को टेस्ट कर देगा.
उन्होंने बताया कि यह टेस्ट किट दस हजार रुपए में उपलब्ध होगी और हर जांच के लिए मात्र पांच से दस पैसा खर्च करना होगा.मंत्री ने कहा कि संसद सदस्यों को अपनी सांसद निधि से अपने संसदीय क्षेत्र के लिए इस स्कैनर की खरीद करनी चाहिए.स्कैनर की लागत अभी बेशक ज्यादा है, लेकिन इससे एक जांच पर आने वाला खर्च बमुश्किल 10 पैसा है.
मंत्री ने बताया कि निकट भविष्य में जीपीएस आधारित एक ऐसी तकनीक भी विकसित की जाएगी, जिससे इस बात का पता लग सके कि दूध आपूर्ति श्रृंखला के किस बिंदु पर उसकी गुणवत्ता से छेड़छाड़ की गई.