झारखंड में नक्सलियों ने लैंडमाइंस विस्फोट कर पुलिस की गाड़ी उड़ा दी। फिर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें झारखंड जगुआर फोर्स के छह जवान शहीद हो गए और पांच जवान घायल हैं। इनमें एक की हालत नाजुक है। नक्सलियों ने घायल जवानों के हथियार भी लूट लिए। इस घटना के बाद देर रात तक मुठभेड़ जारी थी।
नक्सलियों और पुलिस की ओर से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही थी। पलामू के डीआईजी विपुल शुक्ला ने छह जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर लातेहार एसपी प्रशांत आनंद और गढ़वा एसपी शिवानी तिवारी भी नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि कार्रवाई चल रही है।
शहीद जवानों के नाम अभी नहीं बताए जा सकते।बूढ़ा पहाड़ पर गढ़वा और लातेहार जिला पुलिस, सीआरपीएफ के साथ झारखंड जगुआर के जवान पिछले कुछ दिनों से संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रहे हैं। इसी के तहत मंगलवार दोपहर 2 बजे भंडरिया थाना कैंप से झारखंड जगुआर फोर्स के जवान बूढ़ा पहाड़ पर छापामारी करने के लिए निकले थे।
बूढ़ा पहाड़ के नीचे शिंजो गांव के पास नक्सलियों ने लैंड माइंस बिछा रखी थी। जैसे ही झारखंड जगुआर फोर्स की गाड़ी वहां पहुंची, जोरदार धमाके के साथ लैंड माइंस विस्फोट हो गया। इससे गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और गाड़ी में सवार जवानों के चिथड़े उड़ गए। इसके बाद नक्सलियों ने गाड़ी पर फायरिंग शुरू कर दी।
जिस गाड़ी को नक्सलियों ने उड़ाया, उस पर कितने जवान सवार थे, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।8 साल बाद बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। इससे पहले 2010 में नक्सलियों ने इसी क्षेत्र में लैंड माइंस विस्फोट किया था, जिसमें 13 जवान शहीद हो गए थे। तब नक्सलियों ने लगभग 100 लोगों को बंधक भी बना लिया था।
करीब छह माह पहले भी माओवादी 11 ग्रामीणों को उठा ले गए थे। झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को पुलिस अब तक नक्सलियों से मुक्त नहीं करा सकी है। नक्सलियों के खिलाफ पिछले छह माह से बड़ा अभियान चल रहा है। पुलिस ने यहां से करीब तीन सौ ग्रामीणों को विस्थापित कर पहाड़ से नीचे राहत कैंप में पहुंचाया है।