महाराष्ट्र में कर्ज से परेशान चार किसानों ने सुसाइड कर लिया। वहीं, इनमें से एक किसान नवनाथ के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि किसानों की मांग नहीं माने जाने के बाद उसने ऐसा कदम उठाया है। बता दें महाराष्ट्र के किसान कर्ज माफी जैसी करीब 6 मांगों को लेकर 7वें दिन हड़ताल पर हैं। इस वजह से राज्य में सब्जियों और फलों के दाम दोगुने हो गए हैं।
नासिक, नवी मुंबई जैसी बड़ी मंडियों में कामकाज ठप पड़ गया है।महाराष्ट्र के नासिक में अंगूर की खेती करने वाले किसान नवनाथ सुसाइड कर लिया। ऐसा कहा जा रहा कि उन्हें इस साल काफी नुकसान हुआ था। नवनाथ ने परिवार के गहने गिरवी रखकर बैंक से 4 लाख का लोन लिया था। परिवार वालों का कहना है कि किसान आंदोलन में कोई फैसला न होने से दुखी होकर उसने यह कदम उठाया।
वहीं, नांदेड़ के रहने वाले परमेश्वर (40), सतारा के सुरेश शंकर (38) ने भी कर्ज से परेशान होकर सुसाइड कर लिया।उधर, वर्धा के 56 साल के बलिराम इंगले ने कर्ज से परेशान होकर पुलिस स्टेशन में जाकर फांसी लगा ली। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 2 दशक में सबसे ज्यादा 64 हजार किसानों ने महाराष्ट्र में सुसाइड किया है।
अप्रैल के महीने में अहमदनगर के पुणतांबा गांव में 22 मार्च को ग्राम सभा ने हड़ताल का फैसला लिया। पुणतांबा की मंडी अहमदनगर और नासिक की सीमा पर बसी सबसे बड़ी मंडी है, जो आसपास के शहरों-कस्बों में दूध, फल और सब्जी सप्लाई करती है। महाराष्ट्र और केंद्र की सरकार ने किसानों से कर्ज माफी का वादा किया,लेकिन वादा पूरा नहीं किया।
कई साल से मानसून खराब होने के चलते पैदावार ठीक नहीं हुई, लिहाजा किसानों की माली हालत खराब हो गई। इस साल फसल तो अच्छी हुई, लेकिन किसानों की उसकी कीमत सही नहीं मिली। इस वजह से किसानों ने तय किया कि इस बार वे खरीफ की फसल में वो केवल अपनी जरूरतभर की चीजें ही पैदा करेंगे।
महाराष्ट्र में पुणतांबा के किसानों से प्रभावित होकर छोटे-बड़े किसान संगठन, नेता इकट्ठा हो गए। 1 जून से किसान क्रांति मोर्चा के नाम से आंदोलन शुरू कर किया। बाद में पश्चिम महाराष्ट्र के किसानों ने आंदोलन शुरू किया। नासिक और अहमदनगर आंदोलन का केंद्र हैं।मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि जरूरतमंद किसानों का कर्ज 31 अक्टूबर तक माफ कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पांच एकड़ से कम जमीन के मालिक करीब 1.07 करोड़ किसानों को इससे लाभ होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल किसान आंदोलन से फायदा उठा रहे हैं।उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी कर्ज माफी के लिए आईटी आधारित प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। मेरा दावा है कि महाराष्ट्र के इतिहास की यह सबसे बड़ी कर्ज माफी होगी।
बातचीत के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं, लेकिन जो केवल किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं। उनसे चर्चा करने का कोई अर्थ नहीं है।उधर, राज्य में आंदोलन के छठे दिन मंगलवार को कई जगह किसानों ने सरकारी दफ्तरों पर ताले जड़े। नाशिक, अमहदनगर, सांगली, कोल्हापुर, अमरावती समेत अन्य जिलों में किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया।शरद पवार ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मांग की कि उप्र की तर्ज पर महाराष्ट्र के किसानों को भी कर्ज मुक्त किया जाए।