मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक की नई सरकार ने उस समय आकार लिया, जब राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बेंगलुरु के राजभवन में 29 मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल में शपथ दिलाई।टीम वरिष्ठ और नए चेहरों का मिश्रण है।
इसमें गोविंद करजोल, के.एस. ईश्वरप्पा, आर. अशोक, वी. सोमन्ना, वी. उमेश कट्टी, वी. सुनील कुमार अरागा ज्ञानेंद्र, हलप्पा आचार और बी.सी. नागेश नए चेहरे के रुप में शामिल हुए है।एक अकेली महिला प्रतिनिधि पूर्व मंत्री शशिकला जोले हैं।मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बसवनगौड़ा पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड भी कैबिनेट बर्थ से चूक गए।
नए कैबिनेट में मंत्रियों में गोविंद करजोल, के.एस. ईश्वरप्पा, आर. अशोक, बी. श्रीरामुलु, वी. सोमन्ना, वी. उमेश कट्टी, एस. अंगारा, जे.सी. मधुस्वामी, अरागा जननेद्र, डॉ. अश्वत्नारायण सी.एन., सी.सी. पाटिल, आनंद सिंह, कोटा श्रीनिवास पुजारी, प्रभु चौहान, मुरुगेश निरानी, शिवराम हेब्बार, एस.टी. सोमशेखर, बी.सी. पाटिल, भैरथी बसावराजू, डॉ के सुधाकर, के गोपालैह, शशिकला जोले, एमटीबी नागराजू, के.सी. नारायण गौड़ा, बी.सी. नागेश, वी. सुनीलकुमार, हलप्पा बसप्पा आचार, शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा और मुनिरत्न शामिल है।
मुख्यमंत्री बोम्मई शाम को पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं।हालांकि यह सुनिश्चित किया गया था कि क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा जाएगा, लेकिन 13 जिले बिना प्रतिनिधित्व के चले गए।छह जिलों को दो कैबिनेट बर्थ आवंटित किए गए हैं। राजधानी बेंगलुरु को 7 कैबिनेट पदों से नवाजा गया है।कैबिनेट में आठ लिंगायत, 7 वोक्कालिगा, 7 ओबीसी, 3 दलित, 1 एसटी, 1 महिला और 2 ब्राह्मण हैं।