दिल्ली में राजस्थान का मंत्रिमंडल तय हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा के बाद 23 मंत्री तय किए। इन्हें सुबह 11:30 बजे राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह शपथ दिलाएंगे।
इनमें 13 कैबिनेट व 10 राज्यमंत्री होंगे।मंत्रिमंडल पर नजर डालें तो 18 विधायक पहली बार मंत्री बनेंगे, जबकि पहली बार चुनकर आए 25 से अधिक विधायकों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया है। 11 महिला विधायकों में से एकमात्र सिकराय विधायक ममता भूपेश मंत्री होंगी।
मुस्लिमों में भी सिर्फ पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मौका दिया है। गठबंधन के दल आरएलडी से विधायक सुभाष गर्ग भी मंत्री होंगे।बीडी कल्ला (बीकानेर), शांति धारीवाल (कोटा उत्तर), परसादी लाल (लालसोट), रमेश मीणा (सपोटरा), प्रताप सिंह (सिविल लाइंस), विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर) को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है।
केकड़ी विधायक रघु शर्मा, झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया, अंता से प्रमोद जैन भाया, बायतू से हरीश चौधरी, सुजानगढ़ से मास्टर भंवरलाल मेघवाल, चित्तौड़गढ़ से उदयलाल आंजना, पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद भी कैबिनेट मंत्री बनेंगे।
लक्ष्मणगढ़ (सीकर) विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, सिकराय से ममता भूपेश, बांसवाड़ा से अर्जुन बामनिया, कोलायत से भंवर सिंह भाटी, सांचौर से सुखराम विश्नोई, हिंडौली से अशोक चांदना, अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, वैर से भजनलाल जाटव, कोटपूतली से राजेन्द्र यादव और गठबंधन दल आरएलडी के भरतपुर से विधायक सुभाष गर्ग राज्यमंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री होंगे।
रघु शर्मा, लाल चंद, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव, सुभाष गर्ग।
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं। सबसे ज्यादा 3-3 मंत्री जयपुर व भरतपुर से। दौसा-बीकानेर से 2-2, अलवर, चूरू, चित्तौड़, जालौर, बूंदी, अजमेर, कोटा, बाड़मेर, करौली, जैसलमेर, सीकर, बांसवाड़ा व बारां से 1-1 मंत्री।
विधायक सीपी जोशी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, भंवर लाल शर्मा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, राजेंद्र पारीक, विजेंद्र ओला, राज कुमार शर्मा को मंत्री नहीं बनाया। इन्हें विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यसचेतक, उप मुख्यसचेतक पद दिया जा सकता है।
कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सियासी समीकरण बैठाने की कोशिश की है। 25 में से 18 संसदीय क्षेत्रों से मंत्री बनाए गए हैं। जिन सात संसदीय क्षेत्रों से मंत्री नहीं बनाए गए हैं, उनमें शामिल पाली, सिरोही और झालावाड़ जिलों से एक भी कांग्रेस विधायक नहीं जीता है।