बागपत में यमुना नदी में नाव पलटने से कई लोग डूब गए। न्यूज एजेंसी के मुताबबिक, इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई। 15 लोगों को बचा लिया गया। बताया जा रहा है कि नाव की कैपेसिटी 10 लोगों की थी, लेकिन इसमें 60 लोग सवार थे। इस घटना से गुस्साए लोगों ने बाद में दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे पर प्रशासनिक अमले पर पथराव कर दिया। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।
एक ट्रक में आग लगा दी गई। इस दौरान कुछ मीडियाकर्मियों को चोटें आईं। हालात काबू करने के लिए मौके पर एक्स्ट्रा पुलिस फोर्स भेजी गई।बागपत के कलेक्टर भवानी सिंह खंगारोत के मुताबिक, हादसा सुबह करीब 7:45 बजे हुआ। नाव जैसे ही बीच नदी में पहुंची, डूब गई। इसमें 60 लोग सवार थे, जो कैपेसिटी से बहुत ज्यादा थे।
इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम गोताखोरों और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यु में जुटी और 22 बॉडी को बाहर निकाला। 15 लोग बचा लिए गए। इनमें से 10 लोग खुद ही तैरकर बाहर आ गए थे।योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही कलेक्टर को मारे गए लोगों के परिवार वालों को हर संभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
इस घटना के बाद लोगों ने दिल्ली यमनोत्री हाईवे पर प्रदर्शन किया। इस वजह से जाम लग गया।नाराज लोगों को समझाने जब एसडीएम बागपत पहुंचे तो लोगों ने उनका घेराव कर लिया। इस वजह से एसडीएम को वहां से लौटना पड़ा।सीएम योगी ने बागपत में नाव पलटने की घटना पर दुख जताते हुए संवेदना जताई।
उन्होंने डीएम को मृतकों के परिजनों को हर संभव राहत मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मृतकों के घर वालों को 2 लाख रुपए की आर्थिक राहत देने की घोषणा की है।जनवरी में पटना के एनआईटी घाट के पास गंगा नदी में एक नाव डूब गई थी। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें कुछ बच्चे भी थे।
मकर संक्रांति के मौके पर गंगा पार पतंगबाजी हो रही थी। इस वजह से भारी भीड़ थी। वापसी में सब्जी ढोने वाली नाव पर करीब 60 लोग सवार हो गए।भीड़ इतनी थी कि लोग नाव में खड़े थे। किनारा करीब 30 फीट दूर था, तभी नाव टूट गई। महज 20 सेकंड में 25 लोग डूब गए। कई तैरकर बचने में कामयाब हो गए।