बिहार में बाढ़ से पिछले 24 घंटे के दौरान 14 और लोगों की मौत होने के साथ 32.51 लाख आबादी प्रभावित हुई है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाल में आयी बाढ से पिछले 24 घंटे के दौरान 14 और लोगों की मौत के साथ इससे मरने वालों की संख्या अब 51 हो गयी है।पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ से बेगूसराय 7, लखीसराय एवं समस्तीपुर जिला में दो-दो और भोजपुर, खगडिया एवं पटना जिला में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी है।
हाल में आयी बाढ़ से कुल 51 लोगों की मौत हो गयी है जिनमें भोजपुर जिला में 13, समस्तीपुर में 8, वैशाली एवं बेगूसराय में सात-सात, सारण में 5, लखीसराय एवं खगडिया में तीन-तीन, भागलपुर में 2 और पटना, बक्सर एवं मुंगेर जिला में एक.एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।बिहार में इन दिनों गंगा नदी के बढ़े हुए जल स्तर एवं तेज जल प्रवाह के कारण इस नदी के किनारे अवस्थित जिलों यथा बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिलों में कमोबेस बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
पटना, वैशाली, भोजपुर एवं सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे वाले इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं। इन 12 जिलों की 32.51 लाख आबादी बाढ से प्रभावित है जिनमें से 4.16 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा इनमें 2.05 लाख लोग सरकार द्वारा चलाए जा रहे 518 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।बिहार में फिर से आई बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
प्रभावित लोगों को दियारा क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है, जहां उनके लिए पका हुआ भोजन, पीने का पानी, महिला एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वास्थ्य जांच, जरूरी दवाएं, साफ-सफाई एवं प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। नीतीश ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित भागलपुर, कटिहार, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर एवं वैशाली जिले क हवाई सर्वेक्षण किया।
नीतीश ने भागलपुर हवाई अड्डा पर जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त, भागलपुर के जिलाधिकारी, भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक तथा अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की और बाढ राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही बाढ़ से हुयी नुकसान एवं क्षति के आंकलन का भी उन्होंने निर्देश दिया। हवाई सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा कल घोषणा किए जाने के बाद बाढ प्रभावित इलाके से गर्भवती महिलाओं को निकाले जाने के दौरान यदि बच्चे का जन्म नाव, राहत शिविर अथवा अस्पताल में होता है तो नवजात लडकी के लिए 15 हजार रुपये एवं नवजात लडके के वास्ते 10 हजार रुपये भुगतान किया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राहत शिविरों में रह रहे लोगों को उपयोग के लिए दिए जाने वाले स्टील की थाली, कटोरा, लोटा एवं गिलास को राहत केंद्रों से अपने घरों में लौटने के समय उन्हें लेते जाएंगे।
इसके अतिरिक्त राहत शिविर में रह रहे लोगों को रोजमर्रा की जरूरत के वस्त्र दिये जाएंगे। राहत शिविरों में रह रहे बाढ से विस्थापित परिवारों को नहाने एवं कपडा धोने का साबुन, सुगंधित केश तेल, कंघी एवं छोटा ऐनक तथा महिलओं को आवश्यक्तानुसार सेनेट्री नैपकिन भी दिया जाएगा।बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए 2516 नावें परिचालित की जा रही हैं तथा NDRF और SDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त आंकडों के मुताबिक आज सुबह 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर बक्सर जिला में 61.26 मीटर, पटना जिला के दीघाघाट में 51.58 मीटर, गांधीघाट में 50.01 मीटर, हाथीदह में 43.07 मीटर, मुंगेर 40.07 मीटर, भागलपुर 34.71 मीटर और कहलगांव में 32.78 मीटर रहा। शुक्रवार को प्रात: 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर बक्सर, दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से क्रमश: 94 सेमी, 113 सेमी, 141 सेमी, 131 सेमी, 74 सेमी और 103 सेमी और 169 सेमी ऊपर था।
उल्लेखनीय है कि गांधीघाट में वर्ष 1994 में उच्चतम जलस्तर 50.27 मीटर, हाथीदह में वर्ष 1971 में 43.15 मीटर एवं कहलगांव में वर्ष 2003 में उच्चतम जलस्तर 32.87 मीटर मापा गया था जबकि भागलपुर में वर्ष 2013 में उच्चतम जलस्तर 34.50 मीटर मापा गया था। शुक्रवार को प्रात: 6 बजे गंगा नदी भागलपुर में पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 21 सेमी ऊपर था। इसके जलस्तर में शनिवार को अपराह्न 4 बजे तक 03 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है।
शुक्रवार को प्रात: 6 बजे गंगा नदी का जलस्तर गांधीघाट, हाथीदह एवं कहलगांव में पूर्व के उच्चतम जलस्तर से क्रमश: 26 सेमी, 8 सेमी एवं 9 सेमी नीचे था। इसके जलस्तर में शनिवार को प्रात: 08 बजे तक गांधीघाट एवं हाथीदह में क्रमश: 15 सेमी एवं 13 सेमी की कमी होने जबकि शनिवार को रात्रि 10 बजे कहलगांव में 02 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है। गंगा नदी के जलस्तर में शनिवार को प्रात: 08 बजे दीघाघाट एवं मुंगेर में तथा शनिवार को दोपहर 12 बजे तक बक्सर में क्रमश: 21 सेमी, 07 सेमी और 15 सेमी की कमी होने की संभावना है।
सोन नदी का जलस्तर शुक्रवार को प्रात: 06 बजे पटना जिला के मनेर में खतरे के निशान से 114 सेमी ऊपर था। इसके जलस्तर में कल प्रात: 08 बजे तक 21 सेमी की कमी होने की संभावना है। पुनपुन नदी का जलस्तर शुक्रवार को प्रात: 06 बजे पटना जिला के श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 215 सेमी उपर था। इसके जलस्तर में कल प्रात: 08 बजे तक 10 सेमी की कमी हाने की संभावना है।
घाघरा नदी का जलस्तर शुक्रवार को प्रात: 06 बजे सीवान जिला के गंगपुर-सिसवन एवं सारण जिला के छपरा में खतरे के निशान से क्रमश: 42 सेमी एवं 42 सेमी नीचे था। इसके जलस्तर में शनिवार को प्रात: 04 बजे तक गंगपुरसिसवन एवं आज रात्रि 12 बजे छपरा में क्रमश: 17 सेमी एवं 21 सेमी की कमी होने की संभावना है। गंडक नदी का जलस्तर शुक्रवार को प्रात: 06 बजे हाजीपुर में खतरे के निशान से 34 सेमी नीचे था। इसके जलस्तर में रात्रि 12 बजे तक 13 सेमी की कमी होने की संभावना है। बुढी गंडक नदी का जलस्तर आज प्रात: 06 बजे खगडिया में खतरे के निशान से 216 सेमी उपर था।