एयर इंडिया के 130 पायलट्स और 430 केबिन क्रू मेंबर्स पर एक्शन ले सकती है DGCA। इन लोगों पर फ्लाइट से पहले और बाद में होने वाला अल्कोहल टेस्ट ना देने का आरोप है। न्यूज एजेंसी को सोर्सेस ने बताया कि सिंगापुर, कुवैत, बैंकॉक, अहमदाबाद और गोवा जैसी फ्लाइट्स के दौरान ये AI स्टाफ लगातार जरूरी अल्कोहल टेस्ट से बचता रहा।
सोर्सेस के मुताबिक DGCA एअर इंडिया मैनेजमेंट को पहले ही क्रू मेंबर्स के इस सेफ्टी वायलेशन करने के बारे में चेतावनी दे चुका है। DGCA ने मैनेजमेंट से कहा था कि 132 पायलट और 434 केबिन क्रू मेंबर्स जरूरी ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट से बचते रहहे हैं। ये सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है और DGCA इन क्रू मेंबर्स के खिलाफ जरूरी कदम उठाएगा।
DGCA ने इस संंबध में एअर इंडिया के स्पोक्सपर्सन को सोमवार को एक ई-मेल भी किया था, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है।बता दें कि DGCA के सेफ्टी रेगुलेशंस के मुताबिक, सभी पायलट्स और केबिन क्रू मेंबर्स को फ्लाइट पर जाने से पहले और बाद में ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट से गुजरना होता है।नियमों के मुताबिक, फ्लाइट से 12 घंटे पहले किसी भी तरह का एल्कोहोलिक ड्रिंक लेने वाले क्रू मेंबर को फ्लाइट में जाने से रोक दिया जाता है।
कोई भी क्रू मेंबर अगर प्री एंड पोस्ट अल्कोहल टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे 4 हफ्तों के लिए ड्यूटी से हटा दिया जाता है। उसके खिलाफ एअरलाइन को डिसिप्लिनरी एक्शन भी लेना होता है।सोर्सेस का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर स्टाफ और पायलट्स को काम से हटाने पर एअर इंडिया के ऑपेशंस पर असर पड़ सकता है। इसलिए हो सकता है कि DGCA फेज्ड मैनर (चरणबद्ध तरीके) से एक्शन ले।
इसी साल फरवरी में DGCA ने एअर इंडिया के तब डायरेक्टर रहे अरविंद कथपालिया का फ्लाइंग लाइसेंस 3 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया था। कथपालिया पर भी एक फ्लाइट से पहले ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट ना देने का आरोप था, जिसे जांच में सही पाया गया था। कथपालिया अभी हेड ऑफ आपरेशंस हैं और एअर इंडिया के बोर्ड मेंबर भी हैं।DGCA के मुताबिक 2016 में कई एअरलाइंस के 224 और 2015 में 202 पायलट और क्रू मेंबर्स ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में फेल हुए थे।