पश्चिम बंगाल में सुपर साइक्लोन अम्फान के उपस्थिति दर्ज कराने के 24 घंटे बाद यहां भारी तबाही देखने को मिली है। राज्य में चक्रवात के कारण अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा सुपर साइक्लोनिक तूफान ‘अम्फान’ पिछले छह घंटों के दौरान 27 किलमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर/उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है।
बांग्लादेश पर सुबह 5.30 बजे केंद्रित होने से पहले चक्रवाती तूफान में कमजोरी आई।आईएमडी ने कहा कि चक्रवात अब बांग्लादेश पर केंद्रित है और इसका पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि इसने पश्चिम बंगाल पर असर डालते हुए 10 से 12 लोगों की जान ली और इससे पहले उत्तरी ओडिशा में नुकसान पहुंचाया। कोलकाता हवाईअड्डे के दृश्य राज्य में हुए नुकसान को बया कर रहे हैं।
क्षतिग्रस्त हुए एयरपोर्ट पर खड़े विमान नदी में डूबे प्रतीत होते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शहर में आया यह साइक्लोन सबसे विनाशकारी चक्रवात है।
वर्ष 1737 में (तत्कालीन) कलकत्ता में आए चक्रवात से कुछ लोग ने इसकी तुलना की, जबकि अन्यों ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में ऐसा कुछ कभी नहीं देखा।
घर तबाह होने के साथ ही बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और शहर में प्रतिष्ठित संरचनाओं को बहुत नुकसान पहुंचा है। लैंडलाइन के बाधित होने और घंटों तक बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को बिना बाहरी संपर्क के उग्र तूफान से गुजरना पड़ा।
इस दौरान संपत्ति के नष्ट होने के पलों को लोगों ने तस्वीरों में कैद कर के ट्वीट किया। मानिकतला में एक टैक्सी स्टैंड पूरी तरह से डूब गया। प्रतिष्ठित हावड़ा ब्रिज के करीब 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
हालांकि, भयंकर चक्रवाती तूफान गुरुवार को कमजोर हुआ और 27 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ कोलकाता के उत्तर/उत्तर-पूर्व में बांग्लादेश की ओर बढ़ा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था तूफान के चलते कनेक्शन पूरी तरह से टूट गए हैं और हमें उचित रिपोर्ट नहीं मिल रही है, लेकिन हजारों करोड़ रुपये के नुकसान की संभावना है। नुकसान का प्रारंभिक आकलन करने के लिए कम से कम 3-4 दिन लगेंगे।
कई पुलों और कच्चे घरों को पूरी तरह से इस चक्रवात ने तबाह कर दिया है। गौरतलब है कि ‘अम्फान’ एक थाई नाम है, जिसका अर्थ है आकाश। यह वर्ष 1999 के ओडिशा सुपर चक्रवात के बाद से बंगाल की खाड़ी में आया यह सबसे भयंकर तूफान है।