भारतीय वायुसेना के 12 विमान प्रतिष्ठित रेड फ्लैग हवाई युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए बहरीन, मिस्र, फ्रांस, पुर्तगाल और कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे हैं। इन विमानों में रूसी मूल का सुखोई 30 एमकेआई विमान भी शामिल है। अलास्का में एइलसन एयर फोर्स बेस पहुंचे ये विमान 28 अप्रैल से शुरू हो रहे युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे और नाटो की सेनाओं के साथ वार गेम्स में शामिल होंगे।
सुखोई और जगुआर के चार-चार विमान, दो सी-17 परिवहन विमान और दो हवाई में ईंधन भरने वाले आईएल 78 विमान बहरीन, मिस्र, फ्रांस, पुर्तगाल और कनाडा के रास्ते अलास्का पहुंचे। यह युद्धा5यास 13 मई तक चलेगा और इसे विमानों तथा वायु सैनिकों के लिए सबसे कड़ा परीक्षण माना जाता है।2008 के बाद यह दूसरी बार है जब भारत इस तरह के युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहा है।
अधिक लागत के चलते भारतीय वायुसेना ने पांच साल में एक बार इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने का निर्णय किया है। वायुसेना 2013 के संस्करण में हिस्सा लेने वाली थी, लेकिन बजट में कटौती के बाद अमेरिका द्वारा यह युद्धाभ्यास निरस्त कर दिया गया था।एक अनुमान के मुताबिक, भारत पर इस युद्धाभ्यास का 100 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। इसमें भारतीय वायुसेना के 150 से अधिक सैनिक हिस्सा लेंगे।